CM डॉ मोहन यादव के सामने नक्सलियों ने डाले हथियार, MP के इतिहास में पहली बार 10 सशस्त्र नक्सलियों का सरेंडर

बालाघाटः मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एमपी पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ इतिहास की सबसे बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ के करोड़ों के इनामी 10 खूंखार नक्सलियों ने सीएम मोहन यादव के सामने खतरनाक हथियार डाले हैं। वहीं, हथियार छोड़ने वाले नक्सलियों को सीएम मोहन ने संविधान की कॉपी सौंपी है। लाल आतंक का साथ छोड़कर नक्सलियों ने मुख्यधारा में वापसी की है। बता दें कि 10 नक्सलियों पर कुल 2.36 करोड़ रुपए का इनाम था।
सीएम के इन नक्सलियों ने डाले हथियार
सीएम के सामने सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सुरेंद्र उर्फ कबीर (एसजेडसी का सचिव), राकेश ओडी उर्फ मनीष, जरिना उर्फ जोगी मुसाक, नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा, सलीता उर्फ सावित्री, जयशीला उर्फ ललीता अयोम, शिल्पा नुप्पो, समर उर्फ समारू, लालसिंह मरावी उर्फ सींगा और विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी शामिल हैं। सरेंडर करने वाले नक्सली करीब एक से दो दशक से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे।
इन हथियारों को जमा कराया
नक्सलियों ने सरेंडर करने के साथ ही खतरनाक हथियार और कारतूस भी पुलिस को जमा कराएं हैं। नक्सलियों के पास से AK-47 इंसास – 02, SLR – 01, SSR–02, BGL सेल-07 और 4 बात करने वाले वॉकी टॉकी भी पुलिस को सौंपे हैं।
खूंखार नक्सली पर था सबसे अधिक इनाम
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सबसे अधिक खूंखार नक्सली एसजेडी का सचिव सुरेंद्र उर्फ कबीर है। तीन राज्यों की सरकार ने इस पर 77 लाख का इनाम रखा गया था। सुकमा के रहने वाले कबीर ने 1995 में नक्सली संगठन ज्वॉइन किया था। अगले पांच साल यानी 2000 तक वह नक्सलियों के टॉप लीडर देवजी का बॉडीगार्ड रहा। कबीर ट्रेनर के तौर पर नक्सलियों ट्रेनिंग देने का काम भी करता था।
सरकार तक ऐसे पहुंचाई सरेंडर की बात
सुरक्षा बलों की कार्रवाई के दबाव के चलते नक्सलियों ने 6 दिसंबर के दिन सरेंडर करने का फैसला लिया। उन्होंने सबसे पहले मुक्की रेंज के खापा कोर बीट में पदस्थ फॉरेस्ट गार्ड गुलाब सिंह उइके से बातचीत कर अपनी योजना बताई। वनरक्षक ने हॉकफोर्स के सीक्रेट डिपार्टमेंट के कॉन्सेटबल से चर्चा की। इसके बाद फॉरेस्ट गार्ड और हॉकफोर्स के जवान की मदद से नक्सली बालाघाट रेजं के आईजी के बंगले में पहुंचे। यहां नक्सलियों ने सरेंडर किया।
हॉकफोर्स के खुफिया विभाग में कार्यरत आरक्षक से चर्चा की। हॉकफोर्स आरक्षक ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संवाद किया। वनरक्षक और हॉकफोर्स के आरक्षक ने 6 दिसंबर की रात्रि करीब 11 बजे बालाघाट रेंज के आईजी संजय सिंह के बंगले लेकर आए। जहां सभी नक्सलियों ने मय हथियार के आत्मसमर्पण कर दिया।
