Home > हेल्थ/लाइफ स्टाइल > हेल्थ टिप्स > फैशन ज्वेलरी ने दी सोने-चांदी के आभूषणों को टक्कर

फैशन ज्वेलरी ने दी सोने-चांदी के आभूषणों को टक्कर

फैशन ज्वेलरी ने दी सोने-चांदी के आभूषणों को टक्कर
X

लाइफस्टाइल डेस्क। इमिटेशन ज्वेलरी सस्ती, सुंदर और जोरदार होती है क्योंकि सोने-चांदी के पारंपरिक आभूषणों से सस्ती होती है इसका चोरी का भी भय नहीं रहता है। और यही नहीं सोने की दिनों दिन बढ़ती कीमतें लोगों को परेशान कर रही है बात दें कई अमीर लोगों में इमिटेशन ज्वेलरी का ट्रेंड इन दिनों बहुत बढ़ा है। इसे युवा पीढ़ी आज 'यूज एंड थ्रो' में विश्वास रखने वाली ऐसी 'इमिटेशन' ज्वेलरी की दीवानी है और जयपुर इसका प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है।

हम आपको बता दें कि इस क्षेत्र में अब प्रीमियम क्वालिटी रेंज आ गई है जिसमें गोल्ड, सिल्वर व प्लेटिनिम ज्वेलरी का समावेश है। इस क्षेत्र की विशेषता यह है कि इसके सभी प्रोडक्ट्स, फैंसी होने के कारण मटेरियल को बहुत ज्यादा महत्व न होकर सारा फोकस फैशन, पॉलिश व फिनिशिंग पर बहुत ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि आजकल ज्यादातर फिल्मों व टीवी कार्यक्रमों में कलाकार आमतौर फैशन ज्वेलरी ही पहनते हैं। इस कारण विशेषकर युवा वर्ग यानी उन युवतियों में यह तेजी से लोकप्रिय हुई है जो चीजों को 'यूज एंड थ्रो' की सोच के साथ इस्तेमाल करती हैं। इमिटेशन जूलरी को कृत्रिम या फैशन जूलरी भी कहा जाता है। इस तरह की जूलरी बनाने में कांच, प्लास्टिक, सिथेटिक स्टोन, लाख, चमड़े, टेराकोटा, एल्युमिनियम व पीतल का इस्तेमाल होता है। इनमें अंगूठी व बालियों (ईयर रिग) लेकर पूरे सेट शामिल हैं।

एसोसिएशन के एक और सदस्य के अनुसार पिछले कुछ साल में इमिटेशन ज्वेलरी उद्योग काफी तेजी से आगे बढ़ा है। पहले आभूषण का मतलब सोने-चांदी के जेवरों से होता था, लेकिन अब इसका खूबसूरत व सस्ता विकल्प इमिटेशन जूलरी है। इस तरह की जूलरी के चार प्रमुख केंद्रों में एक जयपुर है। यहां जौहरी बाजार में इसके कई शोरूम व दुकानें हैं। इसके अलावा इमिटेशन जूलरी के अन्य प्रमुख केंद्र मुंबई, कोलकाता व राजकोट हैं।

चूंकि इमिटेशन जूलरी का सारा कारोबार मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र का है इसलिए इस उद्योग के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हालांकि बाजार सूत्रों के अनुसार 10,000 करोड़ रुपए से अधिक का यह बाजार बड़ी संख्या में रोजगार दे रहा है। चीन के बाद भारत को ऐसी जूलरी का दूसरा सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। इमिटेशन जूलरी के बढ़ते चलन का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि प्रमुख आनलाइन खुदरा पोर्टल अमेजन, फ्लिपकार्ट, वूनिक व टाटाक्लिक के जरिए भी इन्हें बेचा जा रहा है। इन साइटों पर इस तरह के आभूषण की शुरुआती कीमत 25 रुपए है।

Updated : 18 Sep 2018 10:29 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top