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काशी विश्वनाथ धाम में 1061 शंख बजाने का बना विश्व रिकॉर्ड

चिकित्सको ने कहा शंखनाद से शरीर ही नहीं बल्कि प्रकृति भी हो जाती है शुद्ध

काशी विश्वनाथ धाम में 1061 शंख बजाने का बना विश्व रिकॉर्ड
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वाराणसी। नववर्ष 2022 का रविवार को पहले दिन काशी में 1061 शंख बजाने का विश्व रिकॉर्ड बन गया। 1061 शंखवादकों ने पीले और गेरूआ रंग के वस्त्र धारण कर शंखनाद किया।यह आयोजन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मंदिर चौक में हुआ। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहे विविध कार्यक्रमों के तहत शंखनाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस दौरान भक्तों और शंखवादकों में गजब का उत्साह देखने को मिला। पूरा माहौल आध्यात्म और शिवमय हो गया।



इस कार्यक्रम में स्थानीय शंखवादकों के अलावा मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के भी शंखवादक बड़ी संख्या में शामिल हुए। शंखनाद कार्यक्रम का शुभारंभ 11 बजे प्रदेश के राज्य मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलन और शंखनाद से किया। इस बाबत काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आयुर्वेद संकाय के प्रो. अजय कुमार पांडेय बताते हैं कि प्रकृति में बहुत जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। शरीर के अंदर ही नहीं बल्कि आसपास की प्रकृति और पूरा माहौल बदल जाता है। इस नाद से न केवल आपका फेफड़ा बल्कि दैहिक विकास की सबसे छोटी इकाई कोशिकाओं तक इस शंखवादन का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

दूसरी बड़ी चीज कि आप अपने प्रति केंद्रित हो जाते हैं। अपना पराया भूलकर सब ईश्वर को सौंप देते हैं। शंख बजाने और सुनने दोनों का मन केंद्रित होता है। आंख बंद कर अच्छी चीजें सोचते हैं। यह शंखनाद भले ही 1061 लोगों का हो। मगर इसकी आवाज जहां तक जाती है वहां तक इसका एकसमान लाभ लोगों को मिलता है। वही नववर्ष के पहले दिन सुबह से ही श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ रहा। श्रद्धालुओं के हुजूम को देखते हुए बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही गोदौलिया से मैदागिन तक जगह-जगह पुलिस तैनात की रही।

एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि श्रद्धालु आराम से दर्शन-पूजन कर रहे हैं। ठंड को देखते हुए नगर निगम की ओर से अलाव की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव, संकटमोचन मंदिर और दुर्गाकुंड मंदिर में भी सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला लगा हुआ है। नववर्ष के पहले दिन काशी और आसपास के लोग अपने परिजनों और दोस्तों के साथ सारनाथ और गंगा पार रामनगर की ओर रेत में भी मस्ती करते दिखे। इसे देखते हुए कमिश्नरेट की पुलिस को सुबह से ही एलर्ट किया गया है। जल पुलिस को ताकीद की गई है कि किसी भी नाव में क्षमता से ज्यादा लोग न बैठे। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कहा कि पुलिस की ओर से अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। लोगों से अपील है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से नववर्ष की पहले दिन की खुशियां एक-दूसरे के साथ साझा करें।

Updated : 3 Jan 2022 10:39 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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