Ahmedabad Plane Crash: ब्लैक बॉक्स से खुलेंगे अहमदाबाद विमान हादसे के सारे राज, जानिए क्या होता है ये यंत्र, कैसे करता है काम?

अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के क्रैश हुए विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद कहा जा रहा है कि इस दुर्घटना के पीछे की वजह सामने आ सकती है। दुर्घटना में विवान का पायलट जिम्मेदार था या फिर किसी तकनीकी खराबी की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ। ब्लैक बॉक्स यह सारे बड़े राज खोल सकता है। ऐसे में सवाल है कि आखिर यह ब्लैक बॉक्स होता क्या है और यह विमान दुर्घटना से जुड़े राज कैसे खोल सकता है?
ब्लैक बॉक्स क्या होता है?
दरअसल, ब्लैक बॉक्स एक खास डिवाइस होता है जो हर हवाई जहाज में लगाया जाता है। यह फ्लाइट से जुड़ी जरूरी जानकारी को रिकॉर्ड करने का काम करता है। खास बात यह है कि इस डिवाइस का नाम ही ब्लैक बॉक्स है लेकिन इसका असली रंग चमकीला नारंगी होता है ताकि इसे दुर्घटना के बाद आसानी से ढूंढा जा सके।
दो हिस्से बंटा होता है ब्लैक बॉक्स
एक ब्लैक बॉक्स दो हिस्से में बंटा होता है। इसमें एक होता है सीवीआर जिसे कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर भी कहा जाता है। जैसे कि इसके नाम से ही समझा जा सकता है कि इसमें पायलट और सह पायलट की बातचीत, अलार्म और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड होती हैं। वहीं दूसरा हिस्सा होता है एफडीआर यानी फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर। इसमें विमान की ऊंचाई, गति, दिशा, इंजन की स्थिति में टेक्नोलॉजिकल डाटा रिकॉर्ड किया जाता है। ऐसे में किसी विमान की दुर्घटना के बाद इसकी वजह को समझने के लिए इसमें रिकॉर्ड डाटा का इस्तेमाल होता है।
पानी में गिरने पर भी 30 दिन तक बदलता है लोकेशन
ब्लैक बॉक्स को बहुत मजबूती से बनाया जाता है। ताकि जब विमान क्रैश होता तो उसमें मौजूद डाटा सुरक्षित रहे। ब्लैक बॉक्स में एक छोटा परंतु बहुत महत्वपूर्ण यंत्र होता है जो सिग्नल देने का काम करता है। पानी में गिरने बाद भी 30 दिनों तक यह यंत्र अपनी लोकेशन की जानकारी देता रहता है। जब ब्लैक बॉक्स को प्राप्त किया जाता है तो वह इसमें रिकॉर्ड हुई सभी जानकारियों को खास कंप्यूटर सिस्टम की मदद से पढ़ा जाता है। पायलटों की आखिरी बातचीत, अलार्म की आवाजें और तकनीकी गड़बड़ियों की जानकारी से पता चलता है कि दुर्घटना से पहले क्या-क्या हुआ था?
