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जिहादी सोच के सामने विफल हुई कांग्रेस सरकार, साम्प्रदायिक हिंसा के बाद राजस्थान में टारगेट किलिंग की शुरुआत

जिहादी सोच के सामने विफल हुई कांग्रेस सरकार, साम्प्रदायिक हिंसा के बाद राजस्थान में टारगेट किलिंग की शुरुआत
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जयपुर। प्रदेश में अशोक गहलोत की सरकार बनने के बाद सांप्रदायिक हिंसा और तनाव की खबरें आना सामान्य सी घटना हो गई है। 2018 के बाद से अब तक 22 बार छोटी-बड़ी साम्प्रदायिक हिंसा हुई है।जिसमें हर बार हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया है। हर हिंसा के बाद मुख्यमंत्री गहलोत और उनके मंत्री कहते है की सरकार ऐसे मामलों में सख्त है और आपराधिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा लेकिन नतीजा हार बार ढांक के तीन पात रहता है।दावों और वादों में मुख्यमंत्री का जो जोश नजर आता है। धरातल पर कार्रवाई के समय गायब हो जाता है। इसी का परिणाम है की राज्य में जिहादी मानसिकता वाले अपराधियों की हिम्मत अब इतनी बढ़ गई की वह कश्मीर की तरह राजस्थान में भी टारगेट किलिंग करने पर उतर आए है। बहरहाल सरकार अब भी सख्ती दिखाने का दम भर रही है।

सांप्रदायिक हिंसा की सिलसिलेवार बड़ी घटनाएं -

28 जून 2022-

राजस्थान के उदयपुर में 10 दिन पहले नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले व्यक्ति का तालिबानी तरीके से मर्डर कर दिया गया। 2 हमलावर मंगलवार को दिनदहाड़े उसकी दुकान में घुसे। तलवार से कई वार किए और उसका गला काट दिया। इस घटना के बाद वर्तमान में जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। केंद्र सरकार ने एनआईए को जांच सौंपी है।

1 जून 2022 -

इस माह के पहले दिन ही चित्त्तोड़गढ़ में कुछ मुस्लिम युवकों ने मामूली विवाद के बाद हिन्दू नेता के बेटे की डंडे और सरियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शहर में तनाव की स्थिति बन गई थी। घटना के बाद लोगों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की थी। पुलिस ने बाद में आरोपित वसीम खान और मुश्ताक हुसैन को गिरफ्तार कर लिया था।

2 मई 2022 -

ईद और परशुराम जयंती के मौके पर जोधपुर में मुस्लिम समाज द्वारा जालोरी गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर इस्लामिक झंडा फहराने को लेकर हिंसा भड़क गई थी। मुस्लिम समाज के युवक यहाँ लगे भगवा झंडे को हटाकर इस्लामिक झंडा लगाने का प्रयास कर रहे थे। स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों द्वारा रोके जाने के बाद पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर कर हालात काबू में किए। पथराव में डीसीपी, एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मी और कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हो गए। तीन दिन तक पूरे शहर में कर्फ्यू लगा रहा।

2 अप्रैल 2022 -

दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष नव संवत्सर के अवसर पर हिंदू समाज के युवाओं द्वारा करौली शहर में बाइक रैली निकाली गई थी। मुस्लिम आबादी वाले इलाके से गुजरने पर लोगों ने घरों से युवकों पर पथराव कर दिया था। इसके बाद जिले में हिंसा भड़क गई थी। उपद्रवियों ने 35 से ज्यादा दुकानों, मकानों और बाइकों को आग के हवाले कर दिया। करीब 15 दिन तक कर्फ्यू रहा।

11 अप्रैल 2021 -

राजस्थान के बारां जिले के छबड़ा में 11 अप्रैल 2021 को मुस्लिम समुदाय के युवकों ने दो हिन्दू युवकों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद जिले सांप्रदायिक हिंसा भड़का गई थी। हिंसा के दौरान दर्जनों वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ के साथ आगजनी की गई थी। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए इंटरनेट को बंद कर दिया था और साथ ही कर्फ्यू लगा दिया था।

8 अक्टूबर 2019 -

टोंक जिले में दशहरे के मौके पर शहर में जुलुस निकाला जा रहा था। उसी समय जब जुलुस मुस्लिम बहुल इलाके की आरएसी चौकी के पास से गुजर रहा था, उसी समय माहौल बिगाड़ने के लिए कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इससे जुलूस में शामिल लोगों में भगदड़ मच गई।हालात काबू में करने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर कर्फ्यू लगाया गया था।

Updated : 29 Jun 2022 10:22 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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