किसान आंदोलन : कनाडा में भारतीय दूतावास की सुरक्षा बढ़ी, कोरोना पर होने वाली बैठक में भारत का इंकार
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर कोरोना वायरस संबंधी वीडियो लिंक वार्ता में नहीं होंगे शामिल
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नई दिल्ली/वेब डेस्क। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडे के बयान पर भारत के कड़े के रुख बावजूद विवाद बढ़ता ही जा रहा है। भारत के विरोध में कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानी और पाकिस्तान के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसलिए राजनयिक अधिकारियों के अनुरोध पर भारतीय दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
भारत की फटकार के बावजूद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने के अपने विवादास्पद बयान पर अड़े हुए हैं। विदेश मंत्रालय नई दिल्ली स्थित कनाडाई दूतावास के राजनयिक को तलब करके कड़ा विरोध जता चुका है लेकिन इसकी परवाह न करते हुए जस्टिन ट्रूडो ने अपने बयान को दोहराते हुए कहा कि कनाडा दुनिया में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का समर्थन करता है, इसलिए दुनिया में मानवाधिकारों से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करता रहेगा।
भारत के विदेश मंत्रालय ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा था कि भारत आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बर्दाश्त करेगा। साथ ही चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि इससे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर नुकसान' पहुंच सकता है। किसान आंदोलन पर बयानबाजी को लेकर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचने पर सीधे रूप से ट्रूडो ने कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन अपने बयान पर अड़े रहने के संकेत दिए।
कोरोना पर होने वाली बैठक में भारत नहीं होगा शामिल
भारत और कनाडा के कूटनीतिक टकराव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उत्तरी अमेरिकी देश के नेतृत्व में आयोजित होने वाली कोरोना वायरस संबंधी वीडियो लिंक वार्ता में शामिल न होने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि समयाभाव के कारण विदेश मंत्री बैठक में हिस्सा नहीं ले पायेंगे। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर नवम्बर में कोरोना को लेकर आयोजित मंत्रिस्तरीय सहयोग समूह की 11वीं बैठक में शामिल हुए थे। यह ऐसा पहला मौका था जब भारत ने आधिकारिक रूप से इस बैठक में भाग लिया था।
भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस के बाद ब्रिटेन के विभिन्न दलों के 36 सांसद भी उतर आए हैं। इन सांसदों ने अपने मंत्री को पत्र लिखकर भारत के समक्ष इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा है। अब कनाडा में भारतीय दूतावास के पास खालिस्तानी और पाकिस्तानी तत्व विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। इसलिए दूतावास के अनुरोध पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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