ग्वालियर में अनुसूचित जाति की महिला होगी जिला पंचायत अध्यक्ष, आरक्षण प्रक्रिया संपन्न

भोपाल। प्रदेश की 52 जिला पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पद तय कर दिए गए हैं। पंचायती राज विभाग के संचालक आलोक कुमार सिंह ने आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कराई। इससे चुनाव को लेकर तस्वीर भी साफ हो गई।
कुल 52 जिला पंचायतों में से महज 4 सीटें की ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हुई। जबकि 2014-15 के चुनाव में ओबीसी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के 13 पद आरक्षित थे। इस बार ओबीसी वर्ग की 9 सीटें घट गईं। पंचायती राज संचनालय के डायरेक्टर आलोक कुमार ने बताया कि ओबीसी का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर किया गया है। आदेश में कहा गया है कि एससी-एसटी और ओबीसी का आरक्षण 50% से ज्यादा न हो। इस हिसाब से ओबीसी के लिए 4 सीटें आरक्षित की गई।14
52 जिला पंचायतों में से अनुसूचित जाति के लिए 8 सीटें आरक्षित की गई है। जिसमें ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास हैं। ग्वालियर, रतलाम, इंदौर और देवास अनुसूचित जाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुई है।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित -
झाबुआ, आलीराजपुर, बड़वानी, डिंडोरी, मंडला, श्योपुर, नर्मदापुरम, सतना, सिंगरौली, हरदा, जबलपुर, बुरहानपुर, रीवा और नरसिंहपुर। इसमें से नरसिंहपुर, रीवा, सिंगरौली, श्योपुर, झाबुआ, आलीराजपुर और नर्मदापुरम महिला के लिए आरक्षित।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित -
ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास
पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित -
गुना, शाजापुर, दमोह और मंदसौर है। जिसमें मंदसौर और दमोह महिलाओं के लिए आरक्षित है।
अनारक्षित सीटें -
भिंड, निवाड़ी, विदिशा, शहडोल, उमरिया, पन्ना, मुरैना, छतरपुर, सीधी, उज्जैन, अनूपपुर, टीकमगढ़, भोपाल अनारक्षित है। जिसमें भोपाल एकमात्र महिला अनारक्षित सीट है।
