राहुल गांधी ने कहा - मेरी सदस्यता रद्द करें या जेल भेजे, मैं नहीं डरता, सवाल पूछता रहूंगा
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नईदिल्ली। राहुल ने कहा कि संसद में मंत्रियों ने उन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी हस्तक्षेप का आह्वान किया, मैंने ऐसा नहीं किया। राहुल ने कहा कि उनकी अयोग्यता का पूरा खेल अडानी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए रचा गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह आरोपों का जवाब संसद में देना चाहते थे। लेकिन उन्हें बोलने का समय नहीं दिया गया। उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से समय मांगा। इस संबंध में उन्होंने पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि राजनीति उनके लिए फैशन नहीं है, बल्कि तपस्या है। यह तपस्या वह जारी रखेंगे। सरकार से वह डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने हमेशा समाज जोड़ने की बात की है। उन्होंने कभी भी ओबीसी समाज का अपमान नहीं किया है। भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए तरह-तरह के आरोप उन पर लगाती रही है।राहुल गांधी के समर्थन में आये राजनीतिक दलों का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे समर्थन देने के लिए मैं सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद देता हूं, हम सब मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की घबराहट की प्रतिक्रिया से विपक्ष को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इस सरकार के लिए देश अडानी है और अडानी देश है।
LIVE: Press briefing by Shri @RahulGandhi at AICC HQ, New Delhi. https://t.co/9sLbsyijBt
— Congress (@INCIndia) March 25, 2023
उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष को एक हथियार दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं बस सच देखता हूं और सच बोलता हूं। मुझे किसी और चीज में दिलचस्पी नहीं है। यह मेरे खून में है। मेरा नाम गांधी है और मैं किसी से माफी नहीं मांगता।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद पहली बार आज पार्टी मुख्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मुख्यालय में मौजूद रहे।कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने यह फैसला लिया। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है। हालांकि कांग्रेस इस कदम को सियासी बता रही है। पार्टी का कहना है कि राहुल को सच बोलने की सजा मिली है।