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30 हजार फीट की ऊंचाई पर राफेल ने हवा में भरा ईंधन, देखें तस्वीरें

30 हजार फीट की ऊंचाई पर राफेल ने हवा में भरा ईंधन, देखें तस्वीरें
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नई दिल्ली। अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप इस वक्त भारत आने के रास्ते में है, जो कल तक अंबाला स्थित वायुसेना की छावनी में पहुंच जाएगी। इन विमानों को 30 हजार फीट की ऊंचाई पर फ्रांस एयर फोर्स के टैंकर से ईंधन भरते हुए तस्वीरों को फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास ने ट्विटर पर साझा किया है। इंडियन एयर फोर्स ने ट्वीट करते हुए कहा, "हमारे राफेल वापस घर लाए जाने के दौरान रास्ते में फ्रांस एयर फोर्स की तरफ से मदद मुहैया कराने के लिए भारतीय वायुसेना उसकी सराहना करती है।"

राफेल विमान की पहली खेप में में 3 सिंगल सीटर जबकि 2 ट्वीन सीटर एयर क्राफ्ट हैं। पांच लड़ाकू विमानों ने सोमवार की सुबह फ्रांस से उड़ान भरने के करीब 7 घंटे बाद यूएई के अल धाफरा एयरबेस पर सुरक्षित लैंड किया।

अल-धाफरा तक पहुंचने के दौरान रास्ते में फ्रांस एयरफोर्स ने अपने एयरफोर्स A330 मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (MRTT) एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर भारतीय लड़ाकू विमानों में ईंधन भरा। अल धाफरा एयरबेस से अंबाला के लिए चलने के बाद अब दूसरी बार भारतीय वायेसना के रुसी Ilyushin-78 रिफ्यूलर्स से हवा में इन विमानों में ईंधन भरा जाएगा।

भारतीय वायुसेना ने कहा कि जेन उन पायलटों के द्वारा उड़ाया जा रहा है जिन्हें लड़ाकू विमानों का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है। राफेल भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर-17 का हिस्सा होगा, जिसे 'गोल्डेन एरोज' के नाम से भी जाना जाता है।

भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वासुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। वायुसेना के बेड़े में राफेल के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है। भारत को यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब उसका पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे। बयान में कहा गया है कि सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी। इन पांच राफेल लड़ाकू विमानों को बुधवार दोपहर वायुसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है। हालांकि, वायुसेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इन्हें बल में शामिल करने को लेकर औपचारिक समारोह का आयोजन अगस्त के मध्य में किया जाएगा।

Updated : 28 July 2020 3:20 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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