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प्रधानमंत्री ने जो बाइडन से की चर्चा, कहा- रूस-यूक्रेन के बीच शांति से खुलेगा मार्ग

प्रधानमंत्री ने जो बाइडन से की चर्चा, कहा- रूस-यूक्रेन के बीच शांति से खुलेगा मार्ग
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का घटनाक्रम बहुत चिंताजनक है तथा भारत को आशा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से ही शांति का रास्ता निकलेगा। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन तथा भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच टू प्लस टू वार्ता शुरू होने के पहले मोदी और बाइडेन के बीच यह वार्ता हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस वार्ता की पहल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उनकी बातचीत से टू प्लस टू वार्ता को मार्गदर्शन मिलेगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए यूक्रेन में 'रूस के युद्ध' की चर्चा की तथा लोकतांत्रिक देशों के बीच एकजुटता पर जोर दिया। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रारंभिक संबोधन में यूक्रेन के घटनाक्रम को 'रूस के युद्ध' की संज्ञा नहीं दी। हालांकि उन्होंने संघर्ष में जनहानि पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार की निंदा की थी तथा इसकी स्वतंत्र जांच पर जोर दिया था।प्रधानमंत्री ने कहा कि यूक्रेन से 20 हजार से अधिक भारतीय छात्रों को निकालने के दौरान उन्होंने कई बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की थी। उन्होंने दोनों नेताओं से सीधी बातचीत करने का सुझाव भी दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन को बताया कि यूक्रेन के घटनाक्रम पर भारत की संसद में विस्तार से चर्चा हुई है।

प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मानवीय संकट का जिक्र करते हुए प्रभावित लोगों तक बाधारहित मानवीय सहायता पहुंचाने का आह्वान किया। इस संबंध में उन्होंने यूक्रेन को दी जा रही मानवीय सहायता का जिक्र किया। भारत जल्द ही दवाइयों की एक खेप यूक्रेन भेजने वाला है।भारत और अमेरिका को स्वभाविक मित्र बताते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दशकों में दोनों देशों के बीच संबंधों में बहुत घनिष्टता और गति आई है। कुछ दशकों पहले तक इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तथा अमेरिकी दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है। इस नाते दोनों देश के नैसर्गिक साथी हैं। उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ पिछली मुलाकात के दौरान उनके इस कथन का उल्लेख किया कि भारत-अमेरिकी साझेदारी से दुनिया की बहुत सी समस्याओं के समाधान में मदद मिल सकती है।प्रधानमंत्री ने बाइडेन के इस कथन का भी उल्लेख किया कि लोकतंत्र के जरिए भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। इसी भावना से भारत और अमेरिका की साझेदारी को सार्थक बनाया जा सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए अपने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि यूक्रेन में रूस की ओर से छेड़े गए युद्ध के कारण पड़ने वाले असर के मद्देनजर स्थिति को स्थिर बनाए रखने के संबंध में भारत और अमेरिका के बीच करीबी वार्ता निरंतर जारी है। आपसी बातचीत से द्विपक्षीय संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और अमेरिका के बीच निरंतर बढ़ रही साझेदारी का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती साझा मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने यूक्रेन को मानवीय सहायता देने के लिए भारत की सराहना की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कोरोना महामारी और विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष उभरी चुनौतियों को दोनों देशों की चिंताओं को साझा किया।

Updated : 12 April 2022 10:48 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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