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परीक्षा को ही त्योहार बना दें तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा की

परीक्षा को ही त्योहार बना दें तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं : प्रधानमंत्री
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परीक्षा पे चर्चा' के तहत छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों से चर्चा की। उन्होंने छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए साथ ही पढाई के साथ खेल के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में लाखों की संख्या में छात्र, शिक्षक और अभिभावक आनलाइन माध्यम से जुड़ें हैं।


उन्होंने कहा ये मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है। लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया। मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है। त्योहारों के बीच में परीक्षा भी होती हैं। इस वजह से त्योहारों का मजा नहीं ले पाते।लेकिन अगर परीक्षा को ही त्योहार बना दें, तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं।मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है।

उन्होंने कहा की हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं।जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं।अपने इन अनुभवों को, जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए।दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी दबाव में मत रहिए। जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए।

उन्होंने कहा की जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या रिल देखते हैं?दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा।मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है। जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं।इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है।माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा की आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं।हमें इसे एक opportunity मानना चाहिए, न कि समस्या।दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे।जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे।अगर इन चीजों को कर लेते हैं तो मुझे नहीं लगता कि ये सारे संकट आपके लिए कोई कठिनाई पैदा कर सकते हैं।

Updated : 2 April 2022 8:16 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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