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आत्मनिर्भर भारत अभियान से मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की बैठक में भाग लिया

आत्मनिर्भर भारत अभियान से मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर : प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवर्निंग काउंसिल की छठी मीटिंग को संबोधित किया। इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेश के लेफ्टिनेंट गवर्नर शामिल हुए। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री का ध्यान किसानों के मुद्दों पर रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कोरोना काल में जिस तरह से राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया, उससे देश सफल हुआ है और विश्व में भी देश की साख बढ़ी है। नीति आयोग की छठी बैठक में अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट पर जिस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है, उसने जता दिया है कि राष्ट्र का मन क्या है। देश मन बना चुका है। देश तेजी से आगे बढ़ना चाहता है, देश अब समय नहीं गंवाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि आजादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो।

आत्मनिर्भर भारत अभियान, देश निर्माण का मार्ग -

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की हैं। ये देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है। राज्यों को भी इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स रेट कम करने का लाभ राज्यों को उठाना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का मार्ग है जो न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए बल्कि विश्व के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पादन विश्व श्रेष्ठता की कसौटी पर भी खरा उतरे। हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है। सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है।

बता दें कि परिषद की बैठक के एजेंडे में कृषि, बुनियादी ढांचा, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, जमीनी स्तर पर सेवाओं की आपूर्ति और स्वास्थ्य व पोषण पर विचार विमर्श शामिल हैं। बैठक में संचालन परिषद के पदेन सदस्य, केन्द्रीय मंत्री, उपाध्यक्ष, सदस्य और नीति आयोग के सीईओ व भारत सरकार केअन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। संचालन परिषद की बैठक नियमित तौर पर होती है और इसकी पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी। हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण परिषद की पिछले साल बैठक नहीं हुई थी।


Updated : 12 Oct 2021 10:55 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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