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भारत को 3 साल तक घेरते रहे इमरान खान, मोदी सरकार ने पलटी बाजी, अब कर रहे तारीफ

भारत से जुड़े मुद्दों पर पकिस्तान की विदेश नीति हुई फेल

भारत को 3 साल तक घेरते रहे इमरान खान, मोदी सरकार ने पलटी बाजी, अब कर रहे तारीफ
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वेबडेस्क। पाकिस्तान में राजनीतिक हालात बेहद नाजुक चल रहे है। प्रधानमंत्री इमरान खान विपक्ष के विरोध के चलते सत्ता से बाहर हो गए है। फिलहाल वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर कार्य कर रहे है। इमरान खान ने अपने 3 साल के कार्यकाल के दौरान भारत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सत्तारूढ़ दल भाजपा से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ लगातार जहर उगला। इमरान ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र से लेकर ओआईसी के मंच तक उछाला। हालांकि वे ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहे और भारत के खिलाफ समर्थन नहीं जुटा पाए। अब सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान को अक्ल आ गई है। अब वह लगातार भारत की तारीफ कर रहे है। इसका पीछे का कारण इमरान कोई कूटनीति नहीं बल्कि मोदी सरकार की सफलता है।

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार रऊफ क्‍लासरा इस मामले में कहते है की "इमरान खान अचानक से भारत के बड़े प्रशंसक हो गए हैं और भारतीय विदेश मंत्रालय की जमकर तारीफ कर रहे है। मैं आशा करता हूं कि इमरान खान की इस तारीफ से आरएसएस और हिंदुत्‍व पर निशाना साधने तथा पीएम मोदी को 'नाजी' बताए जाने के घाव शायद भर जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार और उनके विदेश मंत्रालय की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्‍होंने पाकिस्तान के परंपरागत दोस्तों से रिश्तों में सुधार किया और आपसी मित्रता बढ़ाई।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय बुरी तरह से फेल-

क्‍लासरा कहते हैं कि भारत ने कश्मीर में कई बदलाव किए और पाकिस्‍तान के दोस्‍तों को भी इस मुद्दे पर मनाने में सफल रहा। वहीं शाह महमूद कुरैशी के नेतृत्‍व में पाकिस्‍तान का विदेश मंत्रालय अंतरराष्‍ट्रीय मोर्चे पर बुरी तरह से फेल साबित हुआ और कश्‍मीर के मुद्दे को ठीक से उठा नहीं सका। क्‍लासरा का ये विश्लेषण एकदम सही है, क्योंकि इमरान ने 3 साल के कार्यकाल में भारत को इस्‍लामिक देशों के जरिए घेरने की कोशिश की लेकिन मोदी सरकार ने सऊदी अरब, संयुक्‍त अरब अमीरात, कुवैत, बहरीन, ओमान जैसे खाड़ी देशों से दोस्ती बढ़ाई। जिसके कारण इमरान की नीति फ्लॉप साबित हो गई।

ओआईसी में भारत को मौका -

भारत सरकार ने ओआईसी देशों की बैठक में जगह बनाकर इमरान खान को बड़ा झटका दिया था। साल 2019 में भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव के बीच तत्‍कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएई के अबू धाबी शहर में आयोजित 57 मुस्लिम बहुल देशों के संगठन आर्गनाइजेश ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन की बैठक को संबोधित किया था। ये पहला मौका था जब भारत OIC की बैठक में शामिल हुआ था। OIC देशो के विदेश मंत्रियों ने भारत को बतौर गेस्ट इस बैठक में शामिल किया था। ख़ास बात ये है की इस बैठक में पकिस्तान शामिल नहीं था।

पाकिस्तान को झटका -

बता दें की मुस्लिम आबादी के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होने के बाद भी OIC का सदस्य नहीं है। इसके बाद भी OIC की तरफ से भारत को न्योता देना पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका था। ये भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत थी। पाकिस्तान के लिए ये झटका बड़ा इसलिए भी था क्योंकि पाक इस मंच का उपयोग भारत के विरोध में करता आया है। थाइलैंड और रूस जैसे कम मुस्लिम आबादी वाले देशों को भी OIC के पर्यवेक्षक का दर्जा मिला हुआ है लेकिन 18.5 करोड़ मुस्लिम आबादी वाले भारत को यह दर्जा नहीं है।

कश्‍मीर पर मुस्लिम देशों ने नहीं दिया साथ -

कश्मीर में भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से पाकिस्‍तान बौखलाया हुआ है। इमरान खान ने मुस्लिम देशों को एकजुट करके भारत को घेरने की बहुत कोशिशें की लेकिन वह नाकामयाब रहें। इसके लिए इमरान और उनके मंत्रियों ने कई बार खाड़ी देशों की यात्रा लेकिन कुछ हासिल नहीं कर पाएं। वहीँ भारत सरकार की विदेश नीति का असर ये हुआ की कई मुस्लिम देशों के नेता भारत के दौरे पर आए और यूएई ने कश्‍मीर में अरबों डॉलर के निवेश का ऐलान कर दिया।

रूस से दोस्ती पड़ी भारी -

इमरान खान ने रूस से संबंध बेहतर करने की कोशिश की लेकिन उनका ये प्रयास यूक्रेन युद्ध की भेंट चढ़ गया। जिसका नतीजा ये हुआ की एक तरफ उनकी कुर्सी चली गई और दूसरी तरफ अमेरिका भी उससे नाराज हो गया है। वहीँ इसके उलट भारत न सिर्फ अमेरिका बल्कि रूस से भी दोस्ती रखने में कामयाब रहा। यहीं कारण है की अब इमरान खान भारत सरकार की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कह रहे है। 'मैं आज भारत को दाद देता हूं। इन्होंने हमेशा एक आजाद विदेश नीति का पालन किया है। आज भारत का अमेरिका के साथ क्वाड में गठबंधन है और रूस से तेल भी खरीद रहा है जबकि प्रतिबंध लगे हुए हैं क्योंकि भारत की नीति अपने लोगों के लिए है।'


Updated : 9 April 2022 6:20 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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