कुटुंब न्यायालय का पति के हित में अनोखा फ़ैसला: पत्नी का पति से अलग रहने का पर्याप्त कारण न हो-तो पत्नी भरण पोषण पाने की अधिकार नहीं

पत्नी का पति से अलग रहने का पर्याप्त कारण न हो-तो पत्नी भरण पोषण पाने की अधिकार नहीं
X
पत्नी भरण पोषण क़ी राशि पाने की अधिकारी नहीं रहेगी और न्यायालय ने पत्नी के सम्बन्ध मे आवेदन खारिज कर दिया |

इंदौर(अरविन्द मिश्रा):- भरण पोषण के मामले मे कुटुंब न्यायालय ने अनोखा फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी के पास पति से अलग रहने का पर्याप्त कारण न हो तो पत्नी भरण पोषण क़ी राशि पाने की अधिकारी नहीं रहेगी और न्यायालय ने पत्नी के सम्बन्ध मे आवेदन खारिज कर दिया |


पति के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि, गौरी नगर निवासी पत्नी सुलोचना (परिवर्तित नाम) का विवाह बर्ष 2013 में पति अमन(परिवर्तित नाम) से हुआ था एवं बर्ष 2022 में सुलोचना ने पति के विरुद्ध विवाह के बाद से ही कम दहेज लाने को लेकर ताने मारना, पांच लाख रूपयों के दहेज की मांग करना, गाली गलौच करना, मारपीट करना, डिलेवरी का खर्चा उठाने से मना करने सहित पति द्वारा पत्नी को मई 2022 में घर से निकाल देने के आरोप लगाए एवं मई 2022 में ही पुलिस थाने में शिकायत करने के आधारों पर पत्नी ने स्वयं और बच्चों के लिए भरण पोषण की मांग करते हुए कुटुंब न्यायालय, इन्दौर में भरण पोषण का केस ट्रांसपोर्ट ट्रक व्यवसायी के विरुद्ध पेश किया था |


जिस पर पति की और से न्यायालय को बताया गया कि, पत्नी ने झूठे आधारों पर केस प्रस्तुत किया था, जिसके उपरान्त पत्नी के न्यायालय में हुए बयानों एवं पति के वकील के द्वारा पत्नी से पूछे गये सवाल जवाबो के दौरान महत्वपूर्ण बाते उजागर हो गई |जिसके उपरांत कुटुंब न्यायालय, इन्दौर ने महत्वपूर्ण फेसले में यह तो माना कि, न्यायालय की पेशी पर पत्नी को पति द्वारा उसका एक एटीएम कार्ड भी दिया गया था तथा पत्नी,अवयस्क बच्चे स्वयं का भरण पोषण करने में सक्षम नही है एवं पति भरण पोषण करने में उपेक्षा कर रहा है, लेकिन न्यायालय में अपने फैसले में यह भी बताया कि, पत्नी ने विवाह के पश्चात से उसे आये दिन पेसो के लिए परेशान करने की शिकायत की किन्तु उक्त शिकायत पर से पति के विरुद्ध कोई प्रकरण दर्ज नही होना एवं विवाह के पश्चात से ही पत्नी को पेसो के लिए परेशान किया जाना।


किन्तु मई 2022 के पूर्व पत्नी के द्वारा प्रताड़ना की कोई रिपोर्ट क्यों नही की गई, पत्नी द्वारा इसका स्पष्टीकरण नही देने पर कोर्ट ने पत्नी को विवाह के पश्चात से पेसो के लिए परेशान करने के बयानो को संदेहास्पद माना | और यह महत्वपूर्ण निष्कर्ष दिया कि, पत्नी,बच्चे स्वय का भरण पोषण करने में सक्षम नही है, एवं पति पर्याप्त साधनों वाला व्यक्ति होकर अपनी पत्नि और बच्चों का भरण पोषण नही कर रहा है, किन्तु पत्नि के पास अपने पति से अलग रहने का कोई पर्याप्त वैधानिक कारण नही है | इसलिए पत्नी, पति से भरण पोषण प्राप्त करने की अधिकारी नही है |

उपरोक्त साक्ष्य विश्लेषण के आधार पर कुटुंब न्यायालय इन्दौर ने मात्र अवयस्क बच्चों को भरण पोषण दिलवाया किंतु पत्नी के सम्बन्ध में प्रस्तुत भरण पोषण का आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया |

Tags

Next Story