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विशेष न्यायालय ने असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को किया बरी

विशेष न्यायालय ने असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को किया बरी
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समझौता धमाका मामला

पंचकुला/स्व.स.से.पानीपत के दीवाना स्टेशन के पास 12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन बम धमाका मामले में पंचकूला के विशेष एनआईए न्यायालय ने असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी कर दिया। न्यायालय ने सबूतों के अभाव में मुख्य आरोपी असीमानंद के अलावा लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी को भी बरी कर दिया है। न्यायालय ने इस मामले में 11 मार्च को इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी। इस मामले में पहले 14 मार्च को फैसला आना था, लेकिन पाकिस्तानी नागरिक राहिला वकील ने एक याचिका दायर कर कुछ और चश्मदीदों के बयान रिकॉर्ड करने की अपील की। इस पर न्यायालय ने कहा कि चश्मदीदों को 6 बार समन भेजा गया, लेकिन वह नहीं आए। न्यायालय ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया था। एनआईए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया। दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था। इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे। पुलिस को मौके से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। ऐसा कहा गया कि दो लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

इंदौर से गिरफ्तार हुए थे दो संदिग्ध

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे। इसके बाद 26 जुलाई 2010 को मामला एनआईए को सौंपा गया था। स्वामी असीमानंद को आरोपी बनाया गया।

2011 में दायर हुई थी पहली चार्जशीट

एनआईए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 सहपठित 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

Updated : 20 March 2019 4:55 PM GMT
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Naveen Savita

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