सप्ताह में चार दिन काम-तीन दिन आराम, नौकरी से जुड़े नियमों में जल्द होगा बदलाव
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नईदिल्ली/वेबडेस्क। सरकार देश में एक जुलाई से नया लेबर कोड लागू करने की कोशिश कर रही थी। जिसके तहत नौकरीपेशा लोगों को हफ्ते चार दिन काम और तीन दिन आराम समेत चार बड़े बदलाव शामिल थे लेकिन कुछ राज्य सरकारों द्वारा अपनाने से इंकार के कारण ये बदलाव होते-होते रह गए। अब तक 23 राज्यों ने नए लेबर कोड को अपनाने के लिए सहमति दे दी है। केंद्र सरकार चाहती है कि इस लेबर कोड को सभी राज्य एक साथ लागू किया जाए। इसलिए शेष राज्यों के साथ वार्ता चल रही है।
ये होंगे बदलाव -
नया लेबर कोड वेज, सोशल सिक्योरिटी , इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी से जुड़े हैं। जिसका असर नौकरी करने वालों की साप्ताहिक छुट्टियों और हाथ में मिलने वाले वेतन पर दिखाई देगा।
चार दिन काम, तीन दिन आराम -
नए लेबर कोड लागू होन के बाद नौकरी करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों की मौज हो जाएगी। उन्हें सप्ताह में चार दिन काम और तीन दिन आराम करने का मौका मिलेगा। कोड में सप्ताह में तीन के अवकाश का प्रावधान किया है। हालांकि इसके लागू होने के बाद काम के घंटे बढ़ जाएंगे। आपको प्रतिदिन 8 या 9 घंटे की जगह 12 घंटे दफ्तर में काम करना होगा। सभी कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे काम करना होगा। बस आपको 5 दिन की जगह 4 दिन ही ऑफिस जाना होगा।
छुट्टियों को लेकर बदलाव
नए लेबर कोड में लंबी छुट्टियों को लेकर भी बड़ा प्रावधान किया गया है। वर्तमान में किसी भी कर्मचारी को लंबी छुट्टी लेने के लिए साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी है। लेकिन नए लेबर कोड में इस अवधि को घटाकर 180 दिन (6 महीने) कर दिया गया है।
वेतन में कटौती -
नए लेबर कोड लागू होने के बाद हाथ में मिलने वाला वेतन कम हो जाएगा। नए नियम में प्रावधान किया है कि किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी का 50 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए।अगर आपकी बेसिक सैलरी अधिक होगी, तो पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। सरकार के इस प्रावधान से रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को मोटी रकम मिलेगी। साथ ही ग्रेज्युटी का पैसा भी अधिक मिलेगा।
48 घंटे में फुल एंड फाइनल
नए लेबर कोड में फूल एन्ड फाइनल सेटलमेंट के बारे में भी प्रावधान किया गया है। नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों को कंपनी को दो दिन के अंदर पूराबकाया भुगतान करना होगा। अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर ज्यादातर नियम लागू है लेकिन इनमें इस्तीफा शामिल नहीं है।
महिलाओं को सुरक्षा -
नए लेबर कोड के तहत रात्रि में काम करने वाली महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा एवं सुविधाएं देने की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही रात में काम करने का अधिकार महिला कर्मचारियों की सहमति से सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा मेटरनिटी लिव (मातृत्व अवकाश ) की अवधि को 12 सप्ताह से बढाकर 26 सप्ताह किया जाएगा।
स्वदेश डेस्क
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