NCP की कार्यकारी समिति ने बागी नेताओं को किया निष्काषित, अजित पवार बोले- मैं अध्यक्ष शरद की बैठक अवैध

NCP  की कार्यकारी समिति ने बागी नेताओं को किया निष्काषित, अजित पवार बोले- मैं अध्यक्ष शरद की बैठक अवैध
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कांग्रेस नेता ने कहा दिल्ली में रची गई थी राकांपा को तोड़ने की साजिश

मुंबई। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच एनसीपी पर कब्जे को लेकर शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच लड़ाई तेज हो गई है। कल बुधवार को दोनों गुटों के बीच दिन भर चले शक्ति प्रदर्शन के बाद आज शरद पवार दिल्ली पहुंच गए है। यहां उन्होंने एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई।

इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कार्यकारी समिति ने भाजपा-नीत राजग के साथ जाने वाले बागी नेताओं- प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे और अन्य नौ विधायकों को पार्टी से निकालने के शरद पवार के फैसले को गुरुवार को मंजूरी प्रदान कर दी।पार्टी नेता पीसी चाको ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने बागी गुट के अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के दावे को भी खारिज कर दिया। चाको ने कहा कि कार्यकारी समिति ने आठ प्रस्ताव पारित किए हैं। समिति ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार पर पूर्ण भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि 27 राज्य समितियों में से किसी एक ने भी शरद पवार का साथ छोड़ने की बात नहीं कही है।

चुनाव आयोग पर भरोसा

शरद पवार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि वह एनसीपी के अध्यक्ष हैं। कोई अन्य इस पर दावा करता है तो वह झूठा है। पार्टी और उससे जुड़े चुनाव चिह्न के प्रश्न पर पवार ने कहा कि हम चुनाव आयोग पर भरोसा करते हैं। हम अपना सारा विषय चुनाव आयोग के समक्ष रखेंगे।

अजित पवार ने बताया अवैध -

एनसीपी की कार्यकारी समिति की यह बैठक दिल्ली में शरद पवार के आवास पर आयोजित की गई। बैठक में पीसी चाको, जितेंद्र आव्हाड, फौजिया खान और वंदना चव्हाण सहित अन्य नेताओं ने शिरकत की। दूसरी ओर अजीत पवार के नेतृत्व वाले धड़े ने कहा है कि शरद पवार के नेतृत्व में दिल्ली में हुई कार्यकारी समिति की बैठक की कोई वैधता नहीं है।

सुप्रिया सुले ने कहा अजित के दावे की जानकारी नहीं -

दूसरी ओर शरद पवार की पुत्री एवं पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सब कुछ ठीक है। हालांकि सुले ने पत्रकारों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया और सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें अजित पवार धड़े और उनके दावे के बारे में कुछ पता नहीं है।

दिल्ली में तय हुई थी अजित की भूमिका -

वहीँ महाराष्ट्र में कांग्रेस ने बैठक बुलाई है। जिसमें राज्य में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर चर्चा, राजनीतिक माहौल आदि विषयों पर चर्चा हो रही है। बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पाटोले, बालासाहेब थोराट, पृथ्वीराज चव्हाण सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह मामला राकांपा का अंदरूनी मामला है, लेकिन राज्य की महाविकास अघाड़ी पर इसका असर पड़ेगा। यह रणनीति दिल्ली में तय हुई थी कि अजित पवार को साथ लेना है, हमारी जानकारी है कि 1-2 महीने के अंदर एकनाथ शिंदे के खिलाफ कार्रवाई चल रही है उसमें ये निलंबित होंगे। दल-बदल कानून का उल्लंघन हुआ जिसमें बचने की उम्मीद नहीं है और यह 16 विधायक चले जाएंगे तो नए मुख्यमंत्री की आवश्यकता होगी। ऐसी स्थिति में भाजपा के अंदर अजित पवार पर विश्वास किया गया है। महाराष्ट्र में बेहद अनिश्चिचतता की स्थिति बनी हुई है। आंकड़ा बहुत ज़्यादा है लेकिन कुर्सी के लिए हो रही खींचतान और नाराज़गी से कोई भी गुट खुश नहीं है।

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