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महिला दिवस : देश में पहली बार बेटों से ज्यादा बेटियां, प्रति 1000 पुरुष पर 1020 महिलाएं

महिला दिवस : देश में पहली बार बेटों से ज्यादा बेटियां, प्रति 1000 पुरुष पर 1020 महिलाएं
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नईदिल्ली। भारत के साथ दुनिया भर में आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर देश के लिए एक सुकून देने वाली खबर सामने आई है। जिसके तहत महिलाओं और पुरुषों के बीच के जेंडर रेश्यो किस स्थिति पलट गई है। आजादी के बाद देश में पहली बार महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के आंकड़े यही बताते हैं।

इस सर्वे के अनुसार देश में प्रति 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हो गई हैं।जोकि आजादी के समय साल 1951 की गणना के अनुसार प्रति 1000 पुरुष 946 था। आंकड़ों के अनुसार, साल 2015 तक ये आंकड़ा पार्टी 1000 पुरुष 991 तक पहुंच पाया था।

महिलाओं कि संख्या बढ़ना इसलिए भी ख़ास है की पहले बच्चियों की भ्रूण हत्या कर दी जाती थी। जोकि वर्तमान आंकड़ों से स्पष्ट है की इस पर लगे प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन हो रहा है। पहले बेटियों के जीवन के अवसर बेटों की तुलना में बेहद कम थे लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी है। आज शहर ही नहीं बल्कि गाँवों में भी बेटियां पढ़ ही नहीं रहीं बल्कि विभिन्न क्षेरट्रोन में आगे बढ़ रहीं है। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार शहरों में प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 985 और गांवों में प्रति 1000 महिलाओं की संख्या 1037 है। जोकि चौथे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की तुलना में बढ़ी हुई है।चौथे सर्वे में गांवों में 1,000 पुरुषों की तुलना में 1,009 महिलाएं थीं और शहरों में ये आंकड़ा 956 का था।


Updated : 9 March 2022 12:10 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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