MP Minor Rape Case: रेप के बढ़ते मामले, बेटियों का घर से निकलना मुश्किल, आरोपियों को फांसी की सजा का भी डर नहीं

रेप के बढ़ते मामले, बेटियों का घर से निकलना मुश्किल, आरोपियों को फांसी की सजा का भी डर नहीं

MP Minor Rape Case

MP Minor Rape Case : मध्यप्रदेश। कभी घर के बाहर तो कभी स्कूल के वॉशरुम में मासूम बच्चियों को दरिंदों ने हवस का शिकार बनाया है। रेप के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब बेटियों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। पांच साल की मासूम बच्चियों को भी दरिंदे नहीं छोड़ रहे। बीते कुछ समय में मध्यप्रदेश में रेप के कई मामले सामने आए हैं। बढे हुए रेप केस को देखते हुए यह स्पष्ट है कि, आरोपियों को अब फांसी की सजा का भी डर नहीं है।

दिन - 23 सितंबर 2024

जगह - मध्यप्रदेश का हरदा

शाम को हरदा के सिराली में 5 साल की बच्ची नदी किनारे बेहोश मिली। जानकारी मिलने पर पुलिस के साथ परिजन बच्ची को अस्पताल ले गए। यहां जांच करने पर पता चला कि, बच्ची के साथ रेप हुआ है। आरोपी बच्ची को कुरकुरे दिलाने का कहकर ले गया था और दुष्कर्म कर फरार हो गया। इस आरोपी को ढूंढने के लिए पुलिस अब भी प्रयास कर रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि, कुछ समय पहले ही यह आरोपी रेप केस में सजा काट कर जेल से बाहर आया था।

दिन - 23 सितंबर 2024

जगह - मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल

भोपाल के शाहजहानाबाद में एक बच्ची अपनी दादी के साथ घर के बाहर निकली। पांच साल की छोटी बच्ची किताब लेने के लिए घर वापस आई तो रहस्य्मयी तरीके से गायब हो गई। 72 घंटे तक सैकड़ों पुलिस वाले उसे ढूंढते रहे लेकिन 26 सितंबर को उसकी सड़ी गली लाश उसके पड़ोसी के घर में ही मिली। पड़ोसी ने मौके का फायदा उठाकर बच्ची से पहले रेप किया फिर उसका गाला घोंटकर अपना दुष्कर्म छुपाना चाहा। इस पूरी वारदात को अंजाम देने में आरोपी को महज 35 मिनट लगे थे। इन 35 मिनट में फूल सी मासूम बच्ची के साथ गलत काम किया और उसकी जान भी ले ली। आरोपी की मां और बहन ने बच्ची की लाश छुपाने में उसका पूरा साथ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि, बच्ची की मौत गला घोंटे जाने से नहीं बल्कि ज्यादा खून बहने से हुई थी। बच्ची के प्राइवेट पार्ट से रेप के बाद अत्यधिक खून बह गया था।

एक ही तारीख पर मध्यप्रदेश में रेप की दो वारदात हुई लेकिन बीते कुछ समय में मध्यप्रदेश में मासूम बच्चियों से रेप के ऐसे दर्जनों मामले सामने आए हैं। तारीख, जगह और बच्चियों के नाम बदल रहे हैं लेकिन हालत में सुधार नहीं हो रहा है।

बीते कुछ दिनों में मध्यप्रदेश में बच्चियों से रेप के कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिनके बारे में जानकर आप यह सोचने में मजबूर हो जाएंगे की हमारे समाज में विकृत मानसिकता वाले लोगों की भरमार है। ऐसे आरोपियों न कानून का डर है न सजा का। ये आरोपी कभी शिक्षक, कभी पड़ोसी तो कभी एक नॉर्मल इंसान की तरह आपके और हमारे बीच में रहते हैं लेकिन मौका मिलते ही गलत काम को अंजाम दे देते हैं।

रेप की ऐसी घटनाएं ऐसे समय पर हो रहीं हैं जब कानून के तहत आरोपियों को फांसी का प्रावधान है। मध्यप्रदेश में रेप केस के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुने जाते हैं। बावजूद इसके आरोपी लगातार महिलाओं और बच्चियों को अपना निशाना बना रहे हैं।

मध्यप्रदेश में नाबालिग बच्चियों से रेप के कुछ केस :

केस 1 :

18 सितंबर को भोपाल में रेप का एक मामला सामने आया था। भोपाल के एक प्राइवेट स्कूल में एक टीचर ने पांच साल की बच्ची से स्कूल के वाशरुम में ही रेप किया। पुलिस द्वारा जांच में पाया गया था कि, आरोपी ने बहुत से पोर्न वीडियो देखे थे। आरोपी इस समय जेल में है। बच्ची के माता - पिता अब अपनी बेटी को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। उन्हें इंतजार है कि, रेप के आरोपी को फांसी की सजा मिले।

केस 2 :

भोपाल के ही ऐशबाग थाना क्षेत्र में एक स्कूल वैन में पांच साल की बच्ची बैड टच का शिकार हुई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। बच्ची द्वारा इस मामले पर कोई बयान न दे पाने के कारण आरोपी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

केस 3 :

मुरैना में 23 सितंबर को 9 साल की दलित बच्ची के साथ 36 साल के व्यक्ति ने उस वक्त रेप किया जब वह गांव में बकरी चराने गई थी। 9 साल की पीड़िता लहूलुहान हालत में मिली थी। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस समय जेल में है। बच्ची को न्याय मिले इसके लिए परिजन आरोपी के लिए फांसी की मांग कर रहे हैं।

केस 4 :

नर्मदापुरम में 7 साल की बच्ची के साथ 17 साल के नाबालिग ने रेप किया। उसे बदहवास हालत में छोड़ कर फरार हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह वारदात भी 23 सितंबर की थी। नाबालिग आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया था।

बता दें कि, ये वो केस हैं जिनकी चर्चा मध्यप्रदेश में खूब हुई लेकिन कई ऐसे मामले हैं जिनकी चर्चा बहुत अधिक नहीं हुई। माइनर बच्चों के रेप के अलावा कई महिलाओं के साथ भी आए दिन रेप और गैंगरेप हो रहा है। ऐसे में एक बात तो स्पष्ट है कि, इन आरोपियों को अब फांसी या जेल का डर नहीं है। रेप के मामलों में असल वजह मानसिकता है जिसके कारण महिलाएं रेप का शिकार हो रहीं हैं।

बढे हुए रेप केस पर विशेषज्ञ क्या कहते हैं :

रेपिस्ट की मानसिकता पर बात करते हुए द्ययुति शर्मा (Dyutima Sharma) (क्लीनिकल फिजियोलॉजिस्ट आरसीआई ट्रॉमा फोकस थेरेपिस्ट) ने अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, अगर कोई व्यक्ति बचपन में सेक्सुअल असॉल्ट या यौन उत्पीड़न का शिकार होता है तो संभव है कि, वह बाद में दूसरे लोगों को सेक्सुअली असॉल्ट करे।

इसके अलावा रिलेशनशिप फेलियर भी कई बार रेप का कारण बन सकता है। कुछ केस में रेपिस्ट या तो अपनी पत्नी से अलग रह रहे होते हैं या उनका तलाक हो चुका होता है।

Dyutima Sharma ने पीडोफिलिया (Pedophilia) के बारे में भी बताया। इस तरह के मामले में आरोपी 13 साल से कम उम्र के बच्चों के प्रति ज्यादा अट्रैक्ट होता है। यह वो स्थिति है जिसमें आरोपी छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाता है।

पोर्न वीडियो भी रेप का कारण :

बीते कुछ सालों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें आरोपी पोर्न वीडियो देखने का आदी था। पोर्न वीडियो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए नए खतरे के रूप में सामने आए हैं। भोपाल में पांच साल की बच्ची से रेप करने वाले आरोपी के फोन में तो सैकड़ों पोर्न वीडियो मिले थे।

समाधान क्या है :

रेपिस्ट की मानसिकता पर बात करते हुए द्ययुति शर्मा ने जो कारण बताए उससे एक बात तो स्पष्ट है कि, ऐसे आरोपियों की मानसिक स्थिति उन्हें रेप जैसा गलत काम करने के लिए दुष्प्रेरित करती है। इसके लिए कई लोग पुलिस और प्रशासन को दोषी मानते हैं लेकिन रेपिस्ट की मानसिकता पर सबसे कम बात की जाती है। सालों से बेहतर सेक्स एजुकेशन की बात की जा रही है लेकिन ग्राउंड ज़ीरो पर कुछ बदलाव नहीं हुआ है।

रेप के मामलों को रोकने के लिए सिर्फ़ पुलिस या सजा अब काफी नहीं है। लोगों की मेन्टल हेल्थ और सेक्स एजुकेशन पर ध्यान देना समय की मांग बनता जा रहा है। स्कूलिंग के समय ही अगर बच्चों को सही सेक्स एजुकेशन दी जाए तो कई समस्या का समाधान हो सकता है।

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