भारत’ के नेतृत्व में शांति और आर्थिक समृद्धि के मार्ग को तलाश रहा है ‘यूरेशिया’

भारत’ के नेतृत्व में शांति और आर्थिक समृद्धि के मार्ग को तलाश रहा है ‘यूरेशिया’
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  • मधुकर चतुर्वेदी

-चीन सहित अन्य सदस्य देशों के सामने भारत की दो टूक-आतंकवाद की समाप्ति हमारी प्राथमिकता

भारत की अध्यक्षता में शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक

नई दिल्ली। हाल के वर्षो में विश्व परिदृश्य में भारत की ऐसी धाक जमी है कि हर देश अपने प्रत्येक क्षेत्र में उन्नति के लिए भारत से सहयोग की आशा रख रहा है। कोविड काल में इसका प्रत्यक्ष अनुभव हमने किया भी था। एक बार फिर भारत विश्व का मार्गदर्शन करने की भूमिका में है और वर्ष 2023 भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि से बेहद खास बन गया है। इस वक्त भारत दुनिया के सबसे ताकतवर आर्थिक समूह जी-20 का नेतृत्व करने के साथ ही शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भी अध्यक्षता कर रहा है।

शुक्रवार को नई दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ की अध्यक्षता में चीन, रूस सहित अन्य एससीओ के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक साथ बैठकर क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। आतंकवाद और उससे निपटने के उपायों सहित अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ ही आपसी हितों के कई विषयों पर बैठक में चर्चा हुई। शंघाई सहयोग संगठन के अध्यक्ष के तौर पर भारत ने जिस तरह सभी सदस्य देशों के साथ बेहतर तालमेल और सबको साथ लेकर चलने की जो नीति अपनायी है, उससे यूरेशिया की बेहतरी के नए रास्ते निकलने की उम्मींद जगी है। बैठक में चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु, रूस के सर्गेइ शोइगु, ताजिकिस्तान के कर्नल जनरल शेराली मिर्जो, ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा घराई अश्तियानी और कजाकिस्तान के रक्षा मंत्री कर्नल जनरल रुस्लान झाक्सिलिकोव ने बैठक में भाग लिया। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ को बैठक में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।


बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह मंच हमारे विचारों, अवधारणाओं और चिंताओं को साझा करने के लिए हम सभी को एक अवसर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि एससीओ को मजबूत और अधिक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय समूह बनाना चाहते हैं तो हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटना होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, भारत सदस्य देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एससीओ को एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में देखता है। हम एक राष्ट्र के तौर पर एससीओ सदस्य देशों के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को और मजबूत करना चाहते हैं। मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनावपूर्ण गतिरोध के बाद चीन के रक्षा मंत्री ली शांग्फु के बैठक में शामिल होने को विदेश नीति के जानकार इसे भारत की कूटनीतिक सफलता के रूप में भी देख रहे हैं।

सितंबर 2023 तक भारत है एससीओ अध्यक्ष

भारत 2017 में शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य बना था। उसके बाद से ही इस संगठन के सदस्यों के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करने पर जोर देता रहा है। सितंबर 2022 में इस संगठन का सालाना शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के समरकंद में हुआ था। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत एससीओ सदस्यों के बीच ज्यादा सहयोग और आपसी विश्वास का पक्षधर है। इसी सम्मेलन में अगले एक साल के लिए एससीओ की अध्यक्षता भारत को सौंपी गई थी। भारत सितंबर 2023 तक इसका अध्यक्ष है।

भारतीय अर्थव्यवस्था से एससीओ देशों में बढ़ेगी विकास की गति

भारत एससीओ देशों में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। इस नाते भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था से एससीओ क्षेत्र में विकास की गति को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वैसे भी कोरोना महामारी के बाद पूरी दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है, लेकिन भारत के विकास दर पर उसका खास असर नहीं पड़ा है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने में एससीओ की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है और भारत की अध्यक्षता से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने एससीओ देशों के साथ अपने अनुभव साझा करने के मकसद से स्टार्ट-अप और नवाचार पर नया विशेष कार्य समूह बनाने की भी घोषणा की है। इससे एससीओ क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत में 70,000 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स हैं। इनमें से 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं। भारत का यह अनुभव एससीओ सदस्यों के लिहाज से बेहद उपयोगी है।

विश्व जीडीपी में 30 फीसदी का योगदान देता है एससीओ

शंघाई सहयोग संगठन क्षेत्रफल और जनसंख्या के नजरिए से दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन है। यह संगठन यूरेशिया यानी एशिया और यूरोप के करीब 60 फीसदी हिस्से को कवर करता है। एससीओ के सदस्य देशों का वैश्विक जीडीपी में करीब 30 फीसदी का योगदान है। दुनिया की 40 प्रतिशत जनसंख्या एससीओ देशों में ही रहती है। फिलहाल एसओजी के 8 पूर्ण सदस्य हैं। इनमें रूस, भारत, चीन और पाकिस्तान के साथ ही 4 मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है।

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