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सदन की लड़ाई थाने तक पहुंची, दिल्ली में भाजपा-आप पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ की शिकायत

स्थायी समिति के सदस्यों चुनाव को दौरान हुए घटनाक्रम के बाद अब आप और भाजपा पार्षदों की लड़ाई दिल्ली पुलिस तक जा पहुंची हैं।

सदन की लड़ाई थाने तक पहुंची, दिल्ली में भाजपा-आप पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ की शिकायत
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नईदिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन में शुक्रवार देर शाम हुए हंगामा, मारपीट की घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप जारी है। शनिवार को दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने एक मंच पर आकर प्रेस वार्ता कर कहा कि जिस तरह के हालात हैं और मेयर शैली ओबरॉय ने नियमों का पालन नहीं किया, ऐसे में प्रावधान है कि निगम को भंग कर दिया जाए। सभी नेताओं ने इसकी पुरजोर तरीके से मांग की। भाजपा ने प्रेस वार्ता में मारपीट का वीडियो भी दिखाया है।

दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मेयर शैली ओबरॉय उस समय अपना मोबाइल चेक कर रही थीं, उन्हें पार्टी से जो निर्देश मिलता था वही वो काम करती थीं। जिस भाषा का इस्तेमाल सदन में आप पार्षदों द्वारा हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। इतने सालों में जो निगम में नहीं हुआ वो आम आदमी पार्टी कर रही है।

एमसीडी में जैसे मनमानी चल रही है, वह निगम के एक्ट में स्पष्ट है। दिल्ली म्युनिसिपल एक्ट 490 के तहत दिल्ली नगर निगम को केंद्र सरकार भंग कर सकती है। हमारी मांग है कि मेयर टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करें, नहीं तो भाजपा निगम को भंग करने की मांग करती है। अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने पर केंद्र सरकार द्वारा निगम को भंग किया जा सकता है।सचदेवा ने आगे कहा कि स्थायी समिति चुनाव के बाद निगम की टेक्निकल कमेटी ने जो रिजल्ट दिया है, उसे घोषित करें। अगर ऐसा नहीं किया है तो भाजपा इसका विरोध करेगी। डीएमसी एक्ट की धारा 490 कहती है कि यदि निगम अपनी शक्तियों का गलत प्रयोग करता है तो निगम को भंग किया जा सकता है।

वहीं दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव का रिजल्ट मेयर को दिया जाता है। सारे वोट काउंट होने के बाद, आप और भाजपा के तीन-तीन सदस्यों की जीत का उसमें जिक्र है, लेकिन शैली ओबेरॉय अलोकतांत्रिक तरीके से चलना चाहती हैं, इसलिए रिजल्ट घोषित नहीं करती हैं और बैलट पेपर निकालती हैं और कहती हैं कि ये वोट मान्य नहीं है। जबकि टेक्निकल कमेटी उस वोट को भी मान्य बताती है।

इस मुद्दे पर चार घंटे तक एक ही बात चलती रहती है, भाजपा के पार्षद अमान्य वोट को वैध बताते हैं, लेकिन चार घंटे के बाद आप के पार्षदों का धैर्य खत्म होता है और आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं के निर्देश पर वे भाजपा पार्षदों से हाथापाई करने लगते हैं।

Updated : 26 Feb 2023 7:19 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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