भारत में निर्मित "परम प्रवेगा" सुपरकंप्यूटर की प्रति सेकेंड 3.3 क्वाड्रिलियन डाटा ऑपरेशन की क्षमता, R&D में होगा उपयोग

भारत में निर्मित परम प्रवेगा सुपरकंप्यूटर की प्रति सेकेंड 3.3 क्वाड्रिलियन डाटा ऑपरेशन की क्षमता, R&D में होगा उपयोग
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बेंगलुरु /वेब डेस्क। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) एवं सीडेक (CDAC) ने भारत में सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटरों में से एक "परम प्रवेगा" सुपर कम्प्यूटर को निर्मित किया है, जिसकी सुपरकंप्यूटिंग क्षमता 3.3 पेटाफ्लॉप्स (1 पेटाफ्लॉप क्वाड्रिलियन या 1015 ऑपरेशन प्रति सेकंड के बराबर) है। परम प्रवेगा, सुपरकंप्यूटर किसी भारतीय शैक्षणिक संस्थान में अभी तक का सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है।


इस सुविधा को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है और इसके हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का निर्माण एवं संयोजन स्वदेशी रूप से भारत में ही किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत IISC संस्थान में सुपरकंप्यूटर को देश भर में हो रहे विविध अनुसंधान और शैक्षिक गतिविधियों को शक्ति प्रदान करने के लिए बनाया गया है। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) ने अब तक पूरे भारत में 17 पेटाफ्लॉप्स की कंप्यूटिंग शक्ति वाले 10 सुपरकंप्यूटर सिस्टम स्थापित किए हैं।


इन सुपर कंप्यूटर से वैज्ञानिकों, रिसर्च से जुड़े प्रोफेसर और छात्रों को प्रमुख अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों (R&D) में सहायता मिले यह ध्यान में रखकर निर्माण किया गया है। इसके माध्यम से जीनोमिक्स और दवा की खोज के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करना, शहरी पर्यावरणीय मुद्दों का अध्ययन, बाढ़ चेतावनी प्रणाली स्थापित करना और दूरसंचार नेटवर्क के लिए अनुकूलन वातावरण बनाने आदि से जुड़े रिसर्च वर्क की प्रोसेसिंग की जा सकती है।



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