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IMA : राष्ट्रपति कोविंद ने ली परेड की सलामी, कहा - CDS रावत को बनाए रोल मॉडल

  • कुल 387 कैडेट पास आउट,मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी #
  • भारतीय सेना को मिले 319 अधिकारी

IMA : राष्ट्रपति कोविंद ने ली परेड की सलामी, कहा - CDS रावत को बनाए रोल मॉडल
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नईदिल्ली। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को कड़े प्रशिक्षण के बाद पासिंग आउट परेड (पीओपी) की अंतिम पगबाधा को पार करते हुए 319 युवा अफसर बतौर लेफ्टिनेंट शरहद की निगहबानी के लिए भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए। बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली।


राष्ट्रपति ने सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा जनरल बिपिन रावत एक असाधारण सैन्य नेता थे, और उनकी मृत्यु एक शून्य पैदा करती है जिसे भरा नहीं जा सकता।राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश का झंडा हमेशा ऊंचा ही रहेगा क्योंकि, सीडीएस जनरल बिपिन रावत जैसे वीर बहादुर यहीं से प्रशिक्षित होकर निकले थे। उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि 387 जेंटलमैन कैडेट जल्द ही अपनी वीरता और ज्ञान की यात्रा पर निकलेंगे।

इस परेड में भारत के सभी हिस्सों और विविध समुदायों के साथ-साथ दस मित्र देशों के कैडेट शामिल होते हैं। यह वास्तव में हमारी एकता और हमारे बहुल समाज की भी सच्ची अभिव्यक्ति है। सैन्य नेताओं के रूप में, आपको एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करनी होगी, एक अनुकूली स्वभाव विकसित करना होगा और सैन्य नेतृत्व के लिए आवश्यक कौशल को सुधारने के लिए आवश्यक मानसिक लचीलापन हासिल करना होगा।

रावत को बनाए रोल मॉडल -


आधुनिक समय के सैन्य नेताओं के रूप में, आपको इस तकनीकी बदलाव को अपनाना चाहिए और पुरुषों और मशीनों के बीच आवश्यक सहज तालमेल को समझना चाहिए।उन्होंने कहा आइए हम अकादमी के कई शानदार पूर्व छात्रों में से एक, जनरल बिपिन रावत द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठित स्थिति को याद करें, जो अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भविष्य की पीढ़ी के लिए सैनिक आचरण के रोल मॉडल के रूप में उभरे। उनके आचरण को अपनाए।

सीडीएस रावत को होना था शामिल -

परेड में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को शामिल होना था। उनके निधन के चलते परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग और ओथ सेरेमनी की रस्म को सादगी के साथ आयोजित किया गया। सीडीएस के निधन के बाद उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया गया है। इस बार कुल 387 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट हुए। इनमें 68 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों के हैं। उत्तराखंड के 42 युवा भी पास आउट हुए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती गई।


शनिवार सुबह आईएमए की ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित पासिंग आउट परेड का बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। परेड के उपरांत आयोजित होने वाली पीपिंग और ओथ सेरेमनी के बाद पास आउट बैच के 387 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना के अभिन्न अंग बन गए। इनमें 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेना को मिले। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेटों का उत्साहवर्धन कर उनके बेहतर भविष्य के लिए देश की सुरक्षा के लिए संदेश दिया।


इस मौके पर राज्यपाल ले.जनरल गुरमीत सिंह (सेनि),आइएमए के कमांडेंट ले.जनरल हरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल आलोक जोशी समेत कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और कैडेट के स्वजन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

सुबह नौ बजे के करीब परेड की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पौने दस बजे परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान सधे हुए कदम और शानदार ड्रिल के साथ जेंटलमैन कैडेट सेना के बैंड की धुन के साथ कदमताल करते हुए देश भक्ति गीतों पर देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर आगे बढ़ रहे थे। उनका अनुशासन और कड़ा प्रशिक्षण देखते ही बन रहा था। चौड़े सीने के साथ कैडेटों का एक-एक कदम प्रशिक्षण के कठिन तप को दिखा रहा था।

1971 को यादगार बनाने की थी तैयारी -


वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के पचास साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित हो रही परेड को यादगार बनाने की कई दिन पहले से तैयारी की जा रही थी। लेकिन दो दिन पहले तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना और वायुसेना के 13 अधिकारियों और जवानों की मौत के बाद कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा।

319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से

आईएमए पीओपी में 319 में से 43 कैडेट्स उत्तराखंड से हैं। यूपी के कैडेट्स संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा 45 रहे। भारतीय कैडेटों की संख्या का 14 फीसदी उत्तराखंड से है।

राज्यवार कैडेटों की संख्या -

उत्तर प्रदेश 45,उत्तराखंड 43,हरियाणा 34,बिहार 26,राजस्थान 23,पंजाब 22,मध्य प्रदेश 20,महाराष्ट्र 20,हिमाचल प्रदेश 13,जम्मू कश्मीर 11,दिल्ली 11,तमिलनाडु 7,कर्नाटक 6,केरल 5,आंध्र प्रदेश 5,चंडीगढ 5,झारखंड 4,पश्चिम बंगाल 3,तेलंगाना 3,मणिपुर 2,गुजरात 2,गोवा 2,उड़ीसा 2,असम 2,मिजोरम 2,छत्तीसगढ़ 2,मिजोरम से 2 है।

आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी

पासिंग आउट में आठ मित्र देशों के 68 युवा सैन्य अधिकारी रहे। अफगानिस्तान से 40,भूटान से 15, तजाकिस्तान 5 ,श्रीलंका 2,नेपाल 1,मालद्वीव 1,म्यांमार 1,तंजानिया 1,वियतनाम 1 और तुर्किमेनिस्तान से 1 कैडेट पासिंग आउट का अंग बने।

वर्ष 1932 से अकादमी का सुनहरा सफर

देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का वर्ष 1932 में 40 कैडेट के साथ सुनहरा सफर शुरू हुआ था। सैन्य अकादमी में परेड, साल में दो बार यानी जून और दिसंबर में आयोजित होती है। अकादमी के कड़े प्रशिक्षण और अनुशासन का लोहा मित्र देश भी मानते हैं। प्रथम बैच में फील्ड मार्शल सैम मानेक शा, म्यांमार के सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और बाद में पाकिस्तान सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। अकादमी की खास बात यह है कि मित्र देशों के भी कैडेट यहां प्रशिक्षण लेते हैं। इस साल देश-विदेश की सेना को 63 हजार, 668 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव इस संस्थान के साथ जुड़़ गया। अब तक अकादमी 33 मित्र देशों के दो हजार, 656 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। इस बार भी 68 विदेशी कैडेट आइएमए से पास आउट हुए।

Updated : 17 Dec 2021 7:25 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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