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कनाडा से वापिस आई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति पहुंचेगी काशी, 15 नवंबर को होगी स्थापना

कनाडा से वापिस आई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति पहुंचेगी काशी, 15 नवंबर को होगी स्थापना
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वाराणसी। लगभग सौ साल पहले चुरा कर कनाडा ले जाई गई मां अन्नपूर्णा की मूर्ति 14 नवम्बर को काशी पुराधिपति की नगरी लाई जा रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में हरि प्रबोधिनी एकादशी पर 15 नवंबर को इस मूर्ति को स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी।मंदिर के ईशान कोण में मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के साथ चार अन्य विग्रह भी स्थापित किये जाएंगे। पूर्व से इस स्थान पर स्थापित रही मूर्ति की भी पुन: प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में इसकी तैयारी चल रही है। मंदिर के मुख्य परिसर में ही विभिन्न स्थानों पर देवी पार्वती, सरस्वती माता, अविमुक्तेश्वर तथा कुबेर के विग्रह स्थापित किए जाएंगे।

इन्हें काशी विश्वनाथ धाम में निर्माण कार्य के चलते हटा कर दूसरी जगह सुरक्षित रखा गया था। श्री काशी विद्वत परिषद के निगरानी में मंदिर के 11 सदस्यीय अर्चक दल मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच करेंगे। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।

नगर प्रवेश पर अन्नपूर्णा मंदिर का जगह-जगह होगा स्वागत -

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मूर्ति वाहन में रख कर बनारस के लिए रवाना हो रही है। मूर्ति सड़क मार्ग से 14 नवंबर को काशी पहुंचेगी। मूर्ति के काशी की सीमा पर प्रवेश होते ही भाजपा कार्यकर्ता पुष्प वर्षा कर स्वागत करेंगे। प्रतिमा का पहला भव्य स्वागत फूलपुर बाजार में होगा। इसके बाद पिंडरा बाजार होते हुए शाम साढ़े छह बजे बाबतपुर चौराहा पहुंचेगी, जहां पर यात्रा के भव्य स्वागत का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके पश्चात यात्रा हरहुआ होते शिवपुरा चौक पहुंचकर यात्रा में शामिल मां के भक्त रात्रि विश्राम करेंगे।

करीब सौ साल पहले चोरी हुई मूर्ति को कनाडा से वापस भारत लाने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद रुचि दिखाई है। कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त को मूर्ति सौंप दी है। मां अन्नपूर्णा के इस मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्न है। मूर्ति लगभग 100 साल पश्चात पुन: अपने मूल स्थान काशी लाई जा रही है।

Updated : 12 Nov 2021 8:53 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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