प्रियंका रेड्डी रेप केस के चारों आरोपियों की मौत, पुलिस ने किया एनकाउंटर, देखें वीडियो

हैदराबाद/वेब डेस्क। प्रियंका रेड्डी के साथ पिछले दिनों चार युवकों ने बलात्कार कर जिंदा जला दिया था। इन चारों आरोपियों को आज पुलिस क्राइम सीन पर ले गयी थी जहां भागने की कोशिश में पुलिस द्वारा एनकाउंटर में चारो को मौत के घाट उतार दिया गया ।
#WATCH Hyderabad: Reaction of girl students when news of encounter of the accused in murder and rape of woman veterinarian broke out pic.twitter.com/z238VVDsiC
— ANI (@ANI) December 6, 2019
लेकिन आज से लगभग सात साल पहले दिल्ली में इसी तरह के हुए निर्भया काण्ड के बाद भी यूं ही देश में आक्रोश का ज्वार फैला था पर केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय दण्डावली के अतिरिक्त लैन्गिक अपराधों से बाल संरक्षण अधिनियम-2012 की व्यवस्था करने के बावजूद इन अपराधों में कमी नहीं आई। आज भी पहले की भान्ति न केवल इस तरह के अपराध हो रहे बल्कि अबोध शिशुओं तक को इसका शिकार बनाया जा रहा है। देखने में आया है कि इन नियमों के पालन में एकरूपता व समान विधि के अभाव के चलते यह कानून प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं। हैदराबाद की घटना का शोर मचने के बाद वहां की सरकार ने त्वरित न्यायालय गठित करने की घोषणा कर दी परन्तु यह असम्भव है कि इस तरह के हर अपराध के बाद समाज इसी तरह सड़कों पर उतरे, लेकिन आज पुलिस ने आरोपियों को एनकाउंटर करके उनको किये की सजा दे दी है। बात यह भी है कि कानूनी प्रक्रिया में समानता होनी चाहिए कि इस तरह के अपराधों के बाद सभी पीडि़तों को त्वरित न्याय की सुविधा मिले। न्याय में विलम्ब भी इन अपराधों को प्रोत्साहन देने का बड़ा कारण है। दुखद आश्चर्यजनक तथ्य है कि इतना शोर शराबा होने के बाद निर्भया काण्ड के अपराधियों को अभी तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है। अपराधियों के बालिग-नाबालिग होने का मुद्दा उनको निर्भय दान देता प्रतीत होता दिखाई दे रहा है। हो रही देरी और इन केसों से उबरे ही नहीं थे कि उन्नाव रेप केस में जमानत पर जेल से छूटे आरोपियों ने पीड़िता को ही जिंदा जला डाला। अब उप्र पुलिस पर भी सख्त कार्यवाई की मांग उठ रही है।
