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बीरभूम नरसंहार : हाईकोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश, 7 अप्रैल तक देनी होगी रिपोर्ट
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लाक के बगटुई गांव में आठ लोगों को जिंदा जलाने के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज की खंडपीठ ने शुक्रवार सुबह 10:30 बजे कोर्ट की सुनवाई शुरू होने के साथ ही इस मामले में फैसला सुनाया। न्यायाधीशों ने कहा परिस्थितिजन्य साक्ष्य और घटना के प्रभाव से संकेत मिलता है कि राज्य पुलिस मामले की जांच नहीं कर सकती है. ऐसे में कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित SIT को अपनी जांच बंद करने का आदेश दिया। अब राज्य पुलिस की एसआईटी मामले को सीबीआई को सौंपेगी। सीबीआई जांच की निगरानी हाई कोर्ट करेगा। कोर्ट ने 7 अप्रैल तक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही आदेश दिया कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना होगा। राज्य सरकार को विशेष तौर पर आदेश देते हुए खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को जांच में हर तरह से सहयोग करना होगा।
ये है मामला -
उल्लेखनीय है कि 21 मार्च की रात बगटुई गांव में तृणमूल कांग्रेस के उपप्रधान भादू शेख की हत्या के बाद कथित तौर पर बदला लेने के लिए उनके समर्थकों ने गांव के कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी जिसमें बच्चे सहित कम से कम आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि पुलिस ने की है।
मारा-पीटा गया -
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि इन्हें जिंदा जलाने से पहले मारा-पीटा गया था। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के ही रामपुरहाट ब्लाक अध्यक्ष अनारूल हुसैन पर आगजनी करने वालों का नेतृत्व करने के आरोप लगे जिनकी गिरफ्तारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर हो चुकी है।मामले का संज्ञान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने लिया था और दो अलग-अलग याचिकाएं भी लगी थीं जिनकी सुनवाई बुधवार और गुरुवार को लगातार दो दिन हुई थी। गुरुवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था जो शुक्रवार सुबह सुनाया गया है।