UPPSC के जवाब से हाई कोर्ट संतुष्ट नहीं, PCS-J 2022 परीक्षा मामले में दोबारा दायर करना होगा हलफनामा

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उत्तरप्रदेश। UPPSC के चेयरमैन ने PCS-J 2022 परीक्षा मामले में हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। हाई कोर्ट UPPSC के चेयरमैन के जवाब से संतुष्ट नहीं है इसलिए सप्लीमेंट्री एफिडेबिट दायर करने के लिए आदेश दिया है। PCS-J मुख्य परीक्षा 2022 में गड़बड़ी सामने आई थी। मुख्य परीक्षा में करीब 50 कॉपियां बदल दी गई थी। हाई कोर्ट अब इस मामले में 12 जुलाई को सुनवाई करेगा।
हाई कोर्ट में यह याचिका अभ्यर्थी श्रवण कुमार पांडेय के द्वारा दायर की गई थी। हलफनामे में कहा गया है कि, आयोग की गलती की वजह से जिन छात्रों की कॉपियां बदल गई अब उनका कुआ किया जा सकता है। जिन अभ्यर्थियों की ट्रेंनिंग पूरी हो गई है उनका क्या होगा।
क्या है मामला :
जिन पचास अभयर्थियों की कॉपी बदली गई है उनमें से एक श्रवण कुमार पांडेय के आरोप पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की डिवीजन बेंच सुनवाई कर रही थी। श्रवण ने आरोप लगाया था कि, कॉपी में उसकी हैंड राइटिंग नहीं है। इस पर कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद आयोग के उप सचिव ने हलफनामें स्वीकार किया था कि परीक्षा में कापियों की अदला - बदली हुई है।
याचिकाकर्ता 2022 पीसीएस जे की मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ था। जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित हुआ, जिसमें उसे कम अंक मिले। अभ्यर्ती ने आरटीआई के तहत आयोग से उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की मांग की। जब उत्तर पुस्तिका मिली तो अंग्रेजी की कापी में उसकी हैंड राइटिंग नहीं निकली इतना ही नहीं हिंदी की कापी में नीचे के तीन चार पन्ने भी फटे हुए पाए गए। कोर्ट ने जांच के लिए सभी उत्तर पुस्तकाओं को कोर्ट में पेश करने को कहा जिस पर आयोग ने इंटरमिक्सिंग की बात को कबूल करते हुए इसे ठीक करने का हलफनामा दाखिल किया। इस परीक्षा का फाइनल रिजल्ट कई महीने पहले जारी किए जा चुके हैं और उन पदों में ज्वाइनिंग भी हो चुकी है। ऐसे में अब अगली सुनवाई में आयोग कोर्ट में बताया कि वह इससे प्रभावित हुए अभ्यर्थियों के लिए क्या कर रहा है और रिजल्ट बदलने पर अगर कोई चयनित अभ्यर्थी बाहर होता है तो उसके लिए क्या किया जाएगा?
