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ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदगी से जंग हारे, हेलीकॉप्टर हादसे में हुए थे घायल

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जिंदगी से जंग हारे, हेलीकॉप्टर हादसे में हुए थे घायल
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नईदिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में 08 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हुए वायु सेना के हेलीकॉप्टर में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का भी बुधवार को निधन हो गया। इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों का निधन हो गया था। ग्रुप कैप्टन की हालत कल रात से ही नाजुक थी और आज सुबह उन्होंने बेंगलुरु स्थित सेना के बेस हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुःख जताते हुए उनके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

भारतीय वायुसेना ने आज ट्वीट करके कहा कि 08 दिसंबर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई चोटों के कारण बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की सूचना देते हुए गहरा दुख हुआ है, जिनका आज सुबह निधन हो गया। भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इस साल स्वतंत्रता दिवस पर 2020 में एक हवाई आपातकाल के दौरान अपने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। ग्रुप कैप्टन समेत दुर्घटना में घायल हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य अधिकारियों और जवानों को वेलिंग्टन स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

CDS के साथ घायल -

इस हादसे में घायल हुए सीडीएस रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, सीडीएस के पीएसओ ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह, जूनियर वारंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जूनियर वारंट ऑफिसर अरक्कल प्रदीप, हवलदार सतपाल राय का उसी दिन निधन हो गया था। एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को दुर्घटना के दो दिन बाद हालत नाजुक होने पर बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरु के बेस अस्पताल में भेजा गया था।

पिता सेना में कर्नल पद से रिटायर -

पिछले एक हफ्ते के भीतर कई डॉक्टरों ने उनकी सेहत में सुधार होने की जानकारी भी दी थी। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। पूरा देश उनके स्वास्थ्य के लिए दुआएं मांग रहा था लेकिन मंगलवार की रात ग्रुप कैप्टन की हालत बिगड़ने लगी। आखिरकार आज सुबह वे जिंदगी की जंग हार गए। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे। ग्रुप कैप्टन वरुण 27 फरवरी, 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ने वाले अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे हैं। कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर हुए थे। महज 42 साल के वरुण की पत्नी गीतांजलि, एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं। उनके छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं।

प्रधानमंत्री ने जताया दुःख -

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वरुण सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, "ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने गर्व, वीरता और अत्यधिक व्यावसायिकता के साथ देश की सेवा की। उनके निधन से बेहद आहत हूं। राष्ट्र के लिए उनकी समृद्ध सेवा को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उनके परिवार तथा मित्रों के लिए संवेदनाएं।"रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन के बारे में सुनकर शब्दों से परे दुख हुआ। वे एक सच्चे योद्धा थे, जो अंतिम सांस तक लड़ते रहे। मेरे विचार और गहरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं। दुख की इस घड़ी में हम परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।

Updated : 17 Dec 2021 7:30 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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