Indian Army Chief : जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संभाला कार्यभार, 1.3 मिलियन सैनिकों वाली सेना के बने प्रमुख

Indian Army Chief : जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संभाला कार्यभार
Indian Army Chief : नई दिल्ली। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रविवार को 30वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। इस तरह वे 1.3 मिलियन सैनिकों वाली सेना के प्रमुख बन गए हैं। जनरल द्विवेदी ने जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया, जो चार दशक से अधिक सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर व्यापक परिचालन अनुभव है। ऐसे समय में जब भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, उनका भारतीय सेना की कमान संभालना काफी अहम माना जा रहा है।
सेना ने कहा कि, "जनरल द्विवेदी अपने साथ अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए प्रभावी ढंग से योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने का समृद्ध अनुभव और सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड लेकर आए हैं।"
बता दें कि, जनरल उपेन्द्र द्विवेदी एक कुशल सैन्य नेता हैं, जिन्होंने सशस्त्र बलों में 40 वर्षों तक सेवा की है। सैनिक स्कूल, रीवा (मध्य प्रदेश) के पूर्व छात्र, उन्हें 1984 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स की रेजिमेंट में कमीशन दिया गया था। जनरल ऑफिसर के पास विभिन्न क्षेत्रों में उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी थिएटरों में संतुलित कमांड के साथ-साथ स्टाफ एक्सपोजर का एक अनूठा गौरव है।
सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के बारे में प्रमुख जानकारी :
सेवा अनुभव: उनके पास सैन्य सेवा का व्यापक अनुभव है। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और विभिन्न प्रकार के सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया है।
शिक्षा और प्रशिक्षण: उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) से प्रशिक्षण प्राप्त किया है और अपनी सैन्य शिक्षा के दौरान उच्चतम मानकों को बनाए रखा है।
सम्मान और पुरस्कार: उनके उत्कृष्ट सेवा और योगदान के लिए उन्हें कई सैन्य सम्मान और पुरस्कारों से नवाजा गया है।
विशेषज्ञता: लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को सैन्य रणनीति, संचालन, और प्रशासनिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। उनकी नेतृत्व क्षमता और रणनीतिक सोच के कारण उन्हें यह महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति से भारतीय सेना को उनके व्यापक अनुभव और कुशल नेतृत्व का लाभ मिलेगा, जिससे सेना की संचालन क्षमता और रणनीतिक क्षमता में वृद्धि होगी। उनकी नियुक्ति से भारतीय सेना की सुरक्षा और संचालन में एक नया दृष्टिकोण आएगा, जिससे देश की सुरक्षा को और भी मजबूत किया जा सकेगा।
