भीषण गर्मी के कारण गंगा ने छोड़े घाट, श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए चिंता का विषय

भीषण गर्मी के कारण गंगा ने छोड़े घाट, श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए चिंता का विषय
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भीषण गर्मी के कारण गंगा ने छोड़े घाट, श्रद्धालुओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए चिंता का विषय

Ganga Water Level : वाराणसी में भीषण गर्मी के कारण गंगा का जलस्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।

Ganga Water Level : उत्तरप्रदेश। सम्पूर्ण उत्तर भारतीय क्षेत्र में भीषण गर्मी से लोगों का हल बेहाल है। अब इस गर्मी का असर गंगा पर भी दिखने लगा है। लाखों - करोड़ों लोगों की जीवनदायिनी और श्रद्धा का केंद्र गंगा प्रदूषण की मार तो सह ही रही थी अब घटता जलस्तर भी चिंता का विषय बन गया है। वाराणसी के गंगा घाट से आई तस्वीरें और वीडियो इस चिंता को और बढ़ा देते हैं।

वाराणसी में भीषण गर्मी के कारण गंगा का जलस्तर अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। आमतौर पर जून में गंगा की चौड़ाई 70 से 80 मीटर के आसपास हुआ करती थी, जो अब घटकर 30 से 35 मीटर रह गई है। जलस्तर कम होने के कारण गंगा, घाटों को छोड़ चुकी है - घाटों की प्राकृतिक सुंदरता को नुकसान पहुंचाते हुए टूटी हुई नावें, बिखरा हुआ कचरा और टूटे हुए पत्थर देखे जा सकते हैं।

इस पर चिंता जताते हुए घाट पर मौजूद एक पुजारी ने कहा कि, "गंगा पर जगह-जगह बांध बने हैं और गर्मी भी ज़्यादा है, इसलिए गंगा सिकुड़ गई है। बारिश शुरू होते ही गंगा अपनी जगह पर वापस आ जाएगी। आमतौर पर पानी इससे थोड़ा ज़्यादा होता था, लेकिन इस साल गर्मी बहुत ज़्यादा है।

बता दें कि, गंगा नदी पर 900 से अधिक डैम का निर्माण किया गया है। इससे गंगा का नैचरुअल फ्लो प्रभावित हुआ है। वर्तमान में गंगा के घटे हुए जलस्तर का एक कारण इन बांधों को भी बताया जा रहा है। अगस्त 2016 के आंकड़ों के अनुसार गंगा नदी पर 784 डैम, 66 बैरेज हैं। ये सभी परियोजनाएं विकास को गति देने के लिए बनाई गई हैं लेकिन कहीं न कहीं इनसे गंगा के नेचुरल फ्लो प्रभावित हुआ है।

देखिए वीडियो :

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