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किसानों ने ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, कहा- बुराड़ी मैदान नहीं, ओपन जेल

किसानों ने ठुकराया केंद्र सरकार का प्रस्ताव, कहा- बुराड़ी मैदान नहीं, ओपन जेल
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नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने कहा अब दिल्ली को ब्लॉक करने का ऐलान कर दिया है। रविवार को भारतीय किसान यूनियन क्रांतिक्रारी के अध्यक्ष सुरजीत एस फुल ने कहा कि हम बुराड़ी ओपने जेल जाने के बजाय दिल्ली का घेराव करेंगे। सुरजीत ने कहा कि वो अब दिल्ली का घेराव करेंगे और राजधानी के प्रमुख पांच एंट्री प्वाइंट को ब्लॉक करेंगे।

बता दें कि किसानों ने कहा कि हम पूरी व्यवस्था के साथ यहां आए हैं। हमारे पास चार महीने का पर्याप्त राशन पानी है। उन्होंने कहा कि हम बुराड़ी मैदान में आंदोलन नहीं करेंगे हमको रामलीला मैदान या फिर जंतर मंतर पर आंदोलन करने की जगह सरकार को देनी चाहिए। गौरतलब है कि शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की थी कि वो दिल्ली के बुराड़ी इलाके में ही अपना आंदोलन करें और सरकार आपसे बातचीत के लिए तैयार है। जिसे किसान नेताओं से खारिज कर दिया है।

किसान नेताओं ने कहा कि हमने तय किया है कि हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के नेता को अपने मंच पर बोलने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वो कांग्रेस, भाजपा, आप या फिर अन्य दल क्यों न हों। किसानों ने कहा कि हमारी समिति उन संगठनों को बोलने की अनुमति देगी जो हमारा समर्थन कर रहे हैं और अगर हमारे नियमों का पालन करेंगे तब।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रविवार को फैसला किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे और दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहेंगे। हजारों किसानों ने लगातार चौथे दिन रविवार को सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर अपना प्रदर्शन जारी रखा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान चले जाएं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसानों को इस मैदान की पेशकश की गई है।

गौरतलब है कि ऑल-इंडिया किसान संघर्ष को-ओर्डिनेशन कमेटी, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अलग-अलग धड़ों ने 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनको आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और उन्हें बड़े उद्योगपतियों के "रहम" पर छोड़ दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों के कई संगठनों को दूसरे चरण की बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर को दिल्ली में आमंत्रित किया है।


इससे पहले, किसानों की बैठक में अमित शाह का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। शाह ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते किसान बॉर्डर से हटकर दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन करें। दिन के 11 बजे शुरू हुई बैठक करीब 2.30 घंटे चली। इस बैठक में गृह मंत्रालय की शर्त नहीं मानने का फैसला हुआ। किसानों का कहना है कि वो केंद्र सरकार से बिना किसी शर्त के साथ बातचीत चाहते हैं।

Updated : 29 Nov 2020 1:46 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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