मोक्ष की आस में फ्रांस से बनारस आईं महादेव की अनोखी भक्त लीया: पेशे से मशहूर शेफ लिया भगवान शिव की पेंटिंग बना कर रहीं आराधना...

पेशे से मशहूर शेफ लिया भगवान शिव की पेंटिंग बना कर रहीं आराधना...
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महादेव पर बनी हुई पेंटिंग लिए फ्रांस की लीया इन दिनों बनारस के पांडे घाट पर महादेव की आराधना में लीन हैं। वह फ्रांस में फैली कट्टरता और हिंसा के बाद शांति की तलाश में बनारस आई हैं।

वाराणसी। बनारस में मां गंगा के घाट का किनारा गले में रुद्राक्ष की माला, होठों पर ओम नमः शिवाय का जाप, हाथ में महादेव पर बनी हुई पेंटिंग लिए फ्रांस की लीया इन दिनों बनारस के पांडे घाट पर महादेव की आराधना में लीन हैं। वह फ्रांस में फैली कट्टरता और हिंसा के बाद शांति की तलाश में बनारस आई हैं। यहां इन्होंने महादेव को अपना जीवन समर्पित कर दिया है। यह अपनी पेंटिंग के जरिए महादेव की आराधना करती हैं।

लीया इन दिनों बनारस में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लीया पेशे से शेफ हैं, जो फ्रांस में रहती हैं। जिस तरीके से फ्रांस में क्रिश्चियन और मुस्लिम के बीच कट्टरता फैली है, उससे यह मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं और फ्रांस में खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। शांति की तलाश में वह महादेव की नगरी काशी पहुंची हैं। पिछले एक महीने से यह पांडे घाट पर रह रही हैं। काशी आकर वो अनोखी तरह से महादेव की आराधना कर रही हैं। वह अपनी पेंटिंग के जरिए भगवान शिव की आराधना करती हैं।

फ्रांसीसी महिला की अनोखी शिव भक्ति :

लीया हर सुबह उठकर बनारस की गंगा घाट जाती हैं. योग करती हैं, महादेव की पूजा करती हैं। इसके बाद अपने पेंटिंग को बनाना शुरू करती हैं। लीया ने बताया कि वह पहली बार काशी आई हैं और यहां आ करके न सिर्फ खुद को सुरक्षित महसूस कर रही हैं, बल्कि उन्हें एक अलग शांति की अनुभूति होती है। उनके देश में फैली वैमनस्यता की वजह से वह मानसिक रूप से बेहद अशांत हो गई थीं।




बनारस के पांडे घाट पर रहती हैं लीया :

इसके बाद उन्होंने काशी आने का निर्णय लिया। वह डेढ़ महीने से बनारस के पांडे घाट पर रहती हैं। वह बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही पेंटिंग का शौक रहा है। यह पेंटिंग उन्हें सुकून देती है और इस वजह से वह अपने पेंटिंग में महादेव को बनाती हैं। कैनवास के साथ वह काशी के घाटों पर भी पेंटिंग करती हैं और महादेव को याद करती हैं।




मोक्ष के लिए बनारस आई हैं लीया :

लीया कहती है कि अब तक उन्होंने सुना था कि काशी बेहद पुराना शहर है। यहां शांति और मोक्ष महादेव देते हैं, लेकिन यहां आकर कि उन्हें महसूस भी हुआ है। वह सनातन धर्म के प्रतीक खास समर्पित हैं। उन्हें सनातन धर्म, यहां की परंपराएं बेहद आकर्षित करते हैं। वह कहती हैं कि काशी आने के बाद न सिर्फ उन्हें मानसिक शांति मिली है, बल्कि उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है। उनकी इच्छा है कि वह आजीवन इसी तरीके से महादेव की आराधना करें और उनकी पेंटिंग के जरिए वह भगवान के प्रति समर्पित रहे।




महादेव के रंग में रंगी लीया :

लीया न सिर्फ महादेव की आराधना में लीन है, बल्कि उन्होंने खुद को महादेव के रंग में भी रंग लिया है। हाथों में रुद्राक्ष की माला, गले में रुद्राक्ष की कंठी, गेरुआ वस्त्र, माथे पर तिलक और होठों पर महादेव का जाप यह उन्हें बेहद अलग बना रहा है। यही वजह है कि हर कोई उनकी चर्चा कर रहा है। लोगों का कहना है कि उन्हें बेहद अच्छा लग रहा है कि इस तरीके से कोई विदेशी व्यक्ति आकर के सनातन धर्म के प्रति अपना समर्पण दिख रहा है। महादेव में अपनी भक्ति दिखा रहा है।

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