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मप्र निकाय चुनाव में अब खुलकर बंटेगी शराब, आबकारी आयुक्त ने कलेक्टर को सौंपी ब्रांड की लिस्‍ट

मप्र निकाय चुनाव में अब खुलकर बंटेगी शराब, आबकारी आयुक्त ने कलेक्टर को सौंपी ब्रांड की लिस्‍ट
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भोपाल। मप्र में जारी नगर निकाय चुनाव में अब प्रत्याशी खुलकर वोटरों के बीच शराब बांट सकेंगे। इसे अब अपने चुनावी खर्चे में भी शामिल कर सकेंगे। छिंदवाड़ा के आबकारी आयुक्त मधु सिंह भयडिया ने कलेक्टर को शराब ब्रांड की लिस्ट सौंपी है। इसके बाद प्रशासन ने देसी, विदेशी शराब की रेट लिस्ट प्रत्याशियों को खर्चे की मार्गदर्शिका के साथ सौंपी है।


छिंदवाड़ा प्रशासन के इस फैसले के बाद कांग्रेस एक्शन में आ गई है। कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर छिंदवाड़ा के सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयडिया द्वारा निर्वाचन व्यय में देशी/विदेशी मदिरा के खर्च को शामिल किए जाने के आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।


जेपी धनोपिया ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव संपन्न हो रहे हैं तथा आदर्श आचार संहिता प्रभावशील है। नगरीय निकाय चुनाव में चुनाव खर्च के संबंध में छिंदवाड़ा सहायक आबकारी आयुक्त माधुसिंह भयडिया द्वारा कार्यालयीन पत्र दिनांक 6 जून 2022 को देशी/ विदेशी मदिरा की बिक्री के संबंध में दरें निर्धारित की गई है और पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि उक्त दरें निर्वाचन व्यय मानिटरिंग हेतु उपलब्ध कराई जा रही है।

धनोपिया ने कहा है कि आबकारी कार्यालय द्वारा उक्त देशी/ विदेशी मदिरा को निर्वाचन प्रक्रिया के अन्तर्गत दरें घोषित किया जाना घोर आपत्तिजनक है, क्योंकि किसी भी प्रत्याशी द्वारा किसी भी मतदाता को शराब नहीं पिलाई जा सकती और न ही शराब की कीमत का भुगतान किया जा सकता है। इसलिए शासकीय स्तर पर इस तरह का पत्र जारी होने से मतदाताओं द्वारा सरेआम प्रत्याशियों को कहा जा रहा है कि शराब खर्च तो आपके चुनावी खर्च में शामिल होगा। इसलिए आप शराब पिलाओं या उसकी कीमत नगद दो, तभी आपको मत दिया जाएगा जो प्रभावशील आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।

कांग्रेस नेता धनोपिया ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि आबकारी विभाग द्वारा जारी उपरोक्त आदेश जिस पर माधुसिंह भयडिया, सहायक आबाकारी आयुक्त, छिंदवाड़ा द्वारा पत्र जारी कर खुले रूप से निर्वाचन के लिए शराब के सेवन करने की बात कहीं गई है, जो कि नैतिकता के आधार पर, संविधान के आधार पर एवं प्रभावशील आदर्श आचार संहिता के आधार पर किसी भी रूप में उचित नहीं है, बल्कि घोर आपत्तिजनक है। इसलिए सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा जारी आदेश को तत्काल रोका जाये एवं भयडिया के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाये, जिससे कि नगरीय निकाय के चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र रूप से सम्पन्न हो सकें, जो कि प्रदेश की जनता के हित में न्यायोचित होगा।

Updated : 2 July 2022 8:02 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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