कांग्रेस नेता प्रजापति का सुप्रीम कोर्ट पर संविधानिक मर्यादाओं के उल्लंघन का आरोप
बोले - सर्वोच्च न्यायालय ने किया मेरे अधिकारों पर अतिक्रमण : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति
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भोपाल, विशेष संवाददाता। मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नारायण प्रसाद प्रजापति ने उनके विधानसभा अध्यक्ष पद पर रहते सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनके अधिकारों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है। श्री प्रजापति ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के रूप में मेरे अधिकारों पर अपना अधिकार जमा दिया और भाजपा ने षड्यंत्र कर प्रदेश की चुनी हुई सरकार को गिरा दिया गया। श्री प्रजापति मंगलवार 30 जून को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में तीन अन्य पूर्व मंत्रियों और कांग्रेस के मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
प्रजापति ने साफ आरोप लगाया कि राज्यपाल से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक ने विधानसभा अध्यक्ष की मर्यादाओं का उल्लंघन किया। कोरोना संकट के चलते मेरे द्वारा विधानसभा को 26 मार्च तक के लिए स्थगित किए जाने के बावजूद सर्वोच्च न्यायालय ने मेरे इस अधिकार का उल्लंघन कर 20 मार्च 2020 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आदेश दिया गया। उन्होंने यहां तक कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते यातायात सेवाएं अवरुद्ध हो जाने के कारण मैं दिल्ली नहीं जा सका अन्यता मैं स्वयं दिल्ली जाकर सर्वोच्च न्यायालय को अपने अधिकार बताना चाहता था, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और मैं दोनों ही संवैधानिक पदों पर थे।
प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और पूर्व लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा सरकार के सौ दिनों को काले सौ दिन बताया। आरोप लगाया कि आऊट सोर्स की इस सरकार के इन सौ दिनों में प्रदेश की जनता सरकार से परेशान हो गई है। माफिया हाबी हुआ है। किसानों की दुर्दशा हुई है। श्री पटवारी ने कर्जमाफी नहीं हो पाने से किसानों के डिफाल्टर होने के लिए नई सरकार को दोषी बताया। साथ ही कोविड-19 के फैलने के लिए केन्द्र और प्रदेश सरकार को दोषी बताया। प्रेसवार्ता में मीडिया विभाग के समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता,राजीव सिंह उपस्थित रहे।
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