प्रदेश में एम-3 मॉडल की EVM से होंगे चुनाव, 384 प्रत्याशियों का एक साथ मतदान कराने में सक्षम

प्रदेश में एम-3 मॉडल की EVM से होंगे चुनाव, 384 प्रत्याशियों का एक साथ मतदान कराने में सक्षम
छेड़छाड़ करने पर मशीन हो जाती है निष्क्रिय

एक्सक्लूसिव। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है। इसी तरह भारत निर्वाचन आयोग ने भी निष्पक्ष मतदान को लेकर जमावट शुरू कर दी है। आयोग मतदाता सूची से लेकर इलेट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के सुदृणीकरण पर काम कर रहा है। इस बार प्रदेश में ईवीएम की नई सीरीज एम-3 से ही चुनाव होंगे। यह अब तक की सबसे सुरक्षित ईवीएम सीरीज है। जिसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं है। खास बात यह है कि इस ईवीएम में 24 बैलेट यूनिट को जोड़कर एक चुनाव क्षेत्र में 384 प्रत्याशियों के लिए एक साथ मतदान कराया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के इंजीनियरों की टीम ने ईवीएम जांच करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में 64100 मतदान केंद्र हैं। एक मतदान केंद्र पर एक ही ईवीएम से चुनाव होते हैं। हालांकि चुनाव के दौरान कुल ईवीएम के 15प्रतिशत मशीनें आरक्षित रखी जाती हैं। ऐसे में करीब 74 हजार मशीनों की जरूरत पड़ेगी। मप्र में अलग- अलग जिलों में 75 हजार से ज्यादा ईवीएम कड़ी सुरक्षा में रखी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि ईवीएम के एम-3 मॉडल से गुजरात, कर्नाटक, असम, मेघालय समेत अन्य राज्यों में चुनाव एवं उपचुनाव कराए जा चुके हैं।

नई ईवीएम की ये है विशेषताएं -

ईवीएम के एम-3 मॉडल का डिजाइन पतला और वजन में हल्का है। जिससे सुरक्षित रखने एवं परिवहन में आसानी होती है। ईवीएम के एम-2 मॉडल में केवल 4 बीयू (बैलट यूनिट) को जोड़कर एक चुनाव क्षेत्र में 64 प्रत्याशियों के चुनाव कराए जा सकते थे। जबकि एम-3 ईवीएम में 24 बैलट यूनिट को एक साथ जोड़कर प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 384 उमीदवारों के लिए मतदान कराया जा सकता है। एक बैलट यूनिट में नोटा सहित 16 उमीदवारों के लिए मतदान की सुविधा होती है। संचालन में यह सबसे बेहतर है।

छेड़छाड़ करने पर मशीन हो जाती है निष्क्रिय

ईवीएम एम-3 में अनाधिकृत एक्सेस डिटेशन मॉड्यूल (यूएडीएम) एक सुरक्षात्मक सर्किट/फीचर है। माइक्रोकंट्रोलर या ईवीएम की मेमोरी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की स्थिति में यूएडीएम स्वचालित रूप से मशीन को फैट्री मोड में डाल देता है। जिससे यह पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाता है। इसके बाद मशीन को केवल फैट्री में ही ठीक किया जा सकता है। यह ईवीएम की टैंपर प्रूफ है।

इनका कहना है -

इस बार राज्य में ईवीएम के नए मॉडल एम-3 से चुनाव होंगे। मप्र में ईवीएम की पर्याप्त उपलब्धता है और कड़ी सुरक्षा में हैं। चुनाव आयोग के इंजीनियरों की टीम ईवीएम की जांच करती है।

- राजेश कुमार कौल

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मप्र

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