भाजपा को सरकार के "स्थायित्व" का भरोसा, तो कांग्रेस बता रही कमलनाथ को "भावी मुख्यमंत्री"
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भोपाल । मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने में अभी भले ही करीब 10 दिन का समय बाकी है, लेकिन जीत के दावे अभी से ही किए जाने लगे है। भाजपा ने दशहरे के बाद उपचुनाव वाली सीटों पर विजय अभियान चलाने का ऐलान किया है। वहीं, कांग्रेस ने भाजपा के विजय अभियान के जवाब में सोशल मीडिया पर कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि 28 सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस को मिल रहे जनसमर्थन से साफ है कि कांग्रेस सत्ता में अपनी वापसी कर रही है और 10 नवंबर को नतीजे घोषित होने के बाद कमलनाथ दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि हमारी पार्टी अपने सोशल मीडिया पर कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बता रही है। इसमें कोई गलत नहीं है, क्योंकि नतीजों के बाद कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना तय है। नरेंद्र सलूजा ने कांग्रेस के कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर भाजपा की आपत्ति पर कहा है कि सच को कबूलना भाजपा को आना चाहिए। कांग्रेस के सच को लेकर भाजपा नेताओं के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। वहीं, कांग्रेस के सोशल मीडिया पर कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताने पर बीजेपी ने तंज कसा है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी चाहे, तो कमलनाथ को देश का भावी राष्ट्रपति भी घोषित कर सकती है। यह उनका निजी मामला है। लेकिन प्रदेश में 28 विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव का रुझान बताता है कि अब कांग्रेस नेताओं की प्रदेश से विदाई तय है।
बहरहाल, पहले कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की फोटो हटाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की तस्वीर लगा कर भाजपा को तंज कसने का मौका दिया था। वहीं, अब कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बताए जाने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। उपचुनाव के नतीजों से पहले भाजपा और कांग्रेस के जीत के दावों को लेकर एक दूसरे पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने की कोशिश की जा रही है और इन सब के बीच में खामोश मतदाता 3 नवंबर की तारीख का इंतजार कर रही है। जब वह अपना फैसला सुना कर किसी एक दल की जीत और एक की हार सुनिश्चित कर देगी।
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