पृथ्वी के घूमने की गति बढ़ी: बुधवार को 1.54 मिली सेकेंड पहले चक्कर पूरा किया…

वाशिंगटन, एजेंसी। आज का दिन यानि 9 जुलाई 2025, सामान्य दिनों के मुकाबले 1.59 मिली सेकंड पहले खत्म होगा। जो इतिहास का सबसे छोटा दिन माना जा सकता है। इससे पहले 5 जुलाई 2024 को पृथ्वी ने 1.66 मिली सेकेंड पहले अपना चक्कर खत्म किया था।
पृथ्वी 24 घंटे में पूरा एक चक्कर खत्म करती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन और रिफरेंस सिस्टम सर्विस (आईईआरएस) के मुताबिक 22 जुलाई और 5 अगस्त के दिन भी सामान्य दिनों की तुलना में 1.3 से 1.51 मिलीसेकंड छोटे रह सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सैन डिएगो स्थित कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशनोग्राफी के जियोफिजिस्ट डंकन एग्न्यू के हवाले से कहा- यह एक अभूतपूर्व स्थिति है और बड़ी बात भी है। उन्होंने कहा कि यह पृथ्वी के चक्कर लगाने में कोई बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं है, जिससे कोई आपदा या कुछ और हो जाएगा, लेकिन इस पर ध्यान देना जरूरी है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, चंद्रमा पृथ्वी के रोटेशन (चक्कर लगाना) को प्रभावित कर रहा है, पृथ्वी को थोड़ा तेज घुमा रहा है। आईईआरएस ग्लोबल टाइम कीपिंग (समय-निर्णाधन) की देखरेख करता है।
पृथ्वी के घूमने की गति क्या होती है?
पृथ्वी पर एक दिन का मतलब होता है- पृथ्वी का अपनी धुरी पर एक पूरा चक्कर लगाना। यह एक चक्कर पूरा करने में करीब 86400 सेकेंड लगते हैं यानी लगभग 24 घंटे। पृथ्वी की घूमने की रफ्तार हमेशा एक जैसी नहीं रहती। इसे कई चीजें प्रभावित करती हैं, जैसे- सूरज और चांद की स्थिति, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में बदलाव, पृथ्वी के अंदर और बाहर द्रव्यमान का असमान वितरण, जिसमें बर्फ का पिघलना या समुद्र का स्तर बदलना शामिल है।
