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कांग्रेस के न्यूनतम आय के चुनावी वायदे से डेढ़ गुना धनराशि दे रही है मोदी सरकार : जेटली

कांग्रेस के न्यूनतम आय के चुनावी वायदे से डेढ़ गुना धनराशि दे रही है मोदी सरकार : जेटली
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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अरूण जेटली ने कांग्रेस पार्टी की ओर से घोषित न्यूनतम आय योजना (न्याय) को चुनावी धोखा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए पहले ही डेढ़ गुना अधिक धनराशि दे रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से चुनाव वायदे के रूप में गरीबों को 72 हजार रूपए प्रति वर्ष देने के वायदे का उत्तर देते हुए जेटली ने सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार हर साल गरीबों को एक लाख छह हजार आठ सौ रूपए की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में दे रही है। यह धनराशि कांग्रेस के चुनावी वायदे से डेढ़ गुना अधिक है।

भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 में गरीबी हटाओ का वायदा किया था जो धोखा साबित हुआ। बाद के कई दशकों तक कांग्रेस की सरकार रहने के बावजूद वह खुद स्वीकार कर रही है कि 20 करोड़ लोग घोर गरीबी का शिकार हैं। अब कांग्रेस अध्यक्ष तथाकथित अर्थशास्त्रियों का हवाला देकर गरीबी हटाने का फार्मूला दे रहे हैं जो एक चुनावी धोखा है। मोदी सरकार गरीबों को मदद देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत हर साल पांच लाख 34 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रही है । इसमें सरकार के 55 मंत्रालयों की ओर से बैंकों के माध्यम से एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए दिए जाते हैं। इसके अलावा खाद्य सब्सिडी के रूप में एक लाख 84 हजार करोड़ रुपए और उर्वरक सब्सिडी के रूप में 75 हजार करोड़ रुपए की धनराशि शामिल है। साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत 75 हजार करोड़ रुपए और आयुष्मान भारत के लिए 20 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इस प्रकार गरीबों पर खर्च होने वाली कुल धनराशि 5.34 लाख करोड़ है। वित्तमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी जो चुनावी वायदा कर रहे हैं उसकी धनराशि इसके दो तिहाई है।

जेटली ने कहा कि यह बहुत हास्यास्पद है कि कांग्रेस अध्यक्ष न्यूनतम आय योजना की धनराशि गरीबों के बैंक खाते में भेजने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी ने ही पूर्व में आधार से जुड़ी बैंक हस्तांतरण योजना का विरोध किया था और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

भाजपा नेता ने कांग्रेस से पूछा कि यदि उसे गरीबों की इतनी ही चिंता है तो वह अपने शासित राज्यों में किसान सम्मान निधि योजना को लागू क्यों नही कर रही। इसी तरह वो आयुष्मान भारत योजना के क्रियांवयन में क्यों बाधा डाल रही है।

वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने खेतिहर मजदूरों को धोखा देने के लिए पहले मनरेगा की घोषणा की थी जिसका फायदा बिचौलियों ने उठाया । मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद मनरेगा की धनराशि और कामगारों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक में 42 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की।

जेटली ने राहुल गांधी के इस दावे को भी चुनौती दी कि न्यूनतम आय योजना से राजकोषीय घाटे में बढ़ोत्तरी नही होगी। पिछला अनुभव बताता है कि कांग्रेस शासनकाल में वित्तिय अनुशासन को दरकिनार किया गया जिसके नतीजे में राजकोषीय घाटा और मुद्रा स्फीति (महंगाई) में बढोत्तरी हुई। आर्थिक कुप्रबंध का दुष्परिणाम यह हुआ कि अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई और निवेशक देश छोड़कर भागने लगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास गरीबी और गरीबी हटाने के नाम पर राजनीतिक व्यवसाय का रहा है। उनका इतिहास गरीबी हटाने का नहीं रहा है, बल्कि योजनाओं के नाम पर छल कपट का रहा है । वह कांग्रेस चुनाव तो गरीबी हटाओ के नाम पर जीती थी, लेकिन उस कार्यकाल में केवल गरीबी का वितरण हुआ था । उन्होंने कहा कि कांग्रेस गरीबी हटाने के लिए आवश्यक काम जैसे अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, समाज में आमदनी बढ़ाने से संबंधित कभी कोई नीति नहीं लाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में छल-कपट, धोखा होता रहा है। 2008 में कर्जमाफी के लिए 70 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने की बात कही गई, लेकिन कर्जमाफी हुई 52 हजार करोड़ की और इसमें भी दिल्ली के बड़े व्यापारियों का लाभ दिया गया।

जेटली ने कहा कि कांग्रेस की नीति रही है कि चुनाव जीतने के लिए गरीब को धोखा देना और साधन न देना। कांग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है कि गरीब को नारे दो और साधन मत दो। केवल नारों और बयानों से गरीबी नहीं जाएगी, साधनों से गरीबी जाएगी और गरीबी मिटाने के लिए मोदी सरकार ने साधन दिए हैं। उन्होंने कहा कि इतने धोखे देने के बाद आज एक बार फिर कांग्रेस ने धोखा दिया है, जनता अब फंसने वाली नहीं है।

Updated : 30 March 2019 8:08 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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