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लोजपा में पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज, चिराग ने खेला इमोशनल कार्ड

लोजपा में पार्टी पर कब्जे की लड़ाई तेज, चिराग ने खेला इमोशनल कार्ड
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नईदिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी में पार्टी पर कब्जे को लेकर पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान खेमे में लड़ाई तेज हो गई है। सियासी दांव-पेंच अब आर-पार की लड़ाई में बदल गई है। लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए, लेकिन अब यह लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से लड़ी जाएगी। लोजपा में मौजूदा संकट के लिए उन्होंने अपने चाचा व सांसद पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है।

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मैं एक शेर का बेटा हूं, उस वक्त जब चुनाव लड़ सकता हूं तो आज की तारीख में भी लड़ाई लड़ सकता हूं। उन्होंने जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कई लोगों ने दलित व महादलित को बांटकर सिर्फ अपना फायदा देखा। वहीं लोग पार्टी और घर में भी विभाजन करा रहे हैं।चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अंदर जो घटनाक्रम हुआ है, उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। आगे उन्होंने कहा कि उनकी खुद की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब है, लेकिन इसके बावजूद वे पार्टी में मौजूदा हालात का सामना करने को मजबूर हैं।

चाचा को जिम्मेदार ठहराया -

उन्होंने कहा कि जब उनके पिता बीमार थे, उस वक्त भी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई थी। अपने चाचा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग आराम तलब राजनीति चाहते थे। लोजपा में मौजूदा संकट के लिए अपने चाचा व सांसद पशुपति कुमार पारस को जिम्मेदार ठहराया है।पासवान ने कहा है वे परिवार के अंदर चल रही चीजों को राजनीतिक तौर पर सामने नहीं लाना चाहते थे। लेकिन अपने पिता की मौत के बाद ऐसे कई मौके आए, जब चाचा पशुपति पारस ने परिवार और पार्टी को तोड़ने की कोशिश की।

सांसदों को निष्काषित किया -

चिराग ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष होने के नाते मजबूरी में चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों को पार्टी से बाहर करने का फैसला किया। यह फैसला संवैधानिक तरीके से पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर लिया गया है। पार्टी को मजबूत बनाने और अनुशासन बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

पशुपति पहुंचे पटना -

पशुपति पारस आज शाम 4 बजे विमान से पटना पहुंचे। वे कल गुरूवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेंगे। पशुपति पारस का कहना है कि पार्टी में एक पद और एक संविधान का नियम शुरू से चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी में तानाशाही का माहौल बना हुआ था। ऐसे में उन्होंने ये निर्णय लिया है। बताया जा रहा है की चिराग पासवान आज सुबह प्रेसवार्ता करने वाले थे, जिसे रद्द कर दिया गया है।


Updated : 16 Jun 2021 11:39 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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