कैट चेयरमैन प्रवीण खंडेलवाल का दावा: भारत के व्यापारी अगर तुर्की और अज़रबैजान से व्यापार बंद करें, तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था की कमर टूट जाएगी....

अनीता चौधरी, नई दिल्ली: स्वदेश के साथ अपनी विशेष बात-चीत में दिल्ली के चाँदनी चौक के बीजेपी सांसद और कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चेयरपर्सन प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 16 मई को नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बुलाई गई है । उन्होंने बताया कि व्यापारी वर्ग की राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस बैठक में सभी मिल कर ये फैसला लेंगे कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण तुर्की एवं अजरबेजान के साथ व्यापारियों द्वारा सभी वस्तुओं का आयात-निर्यात व्यापार बंद किया जाए।
कैट का कहना है कि व्यापारी वर्ग एक राष्ट्रभक्त वर्ग है और जो भी देश भारत के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल ही नहीं है। देश के व्यापारियों द्वारा अपनी देशभक्ति को प्रदर्शित करने का यही समय है। पूरे देश के साथ व्यापारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर खड़े हैं।
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में भारत की सेनाओं के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए देश भर में तिरंगा यात्रा का आयोजन एवं ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार की हड़पने के ख़िलाफ़ भी बड़े निर्णय लिए जाएँगे।
स्वदेश के साथ अपनी बात -चीत में कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि व्यापारी वर्ग के इस निर्णय से टर्की और अजरबैजान को बहुत नुकसान होने वाला है। अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के अप्रैल के बीच भारत और तुर्की के बीच का निर्यात 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा है। जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब अमेरिकी डॉलर का था । जबकि इसी अवधि में भारत का तुर्की से आयात 2.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब अमेरिकी डॉलर का था।
उन्होंने बताया कि इसी अवधि में अज़रबैजान और भारत के बीच का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा है । जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।दूसरी तरफ़ अज़रबैजान से भारत का आयात इसी समय के दौरान 1.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 0.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि भारत से तुर्की को रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटर व्हीकल्स और पार्ट्स, स्टील, कैमिकल्स, दवाएं, कीमती पत्थर और वस्त्र सहित कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं जबकि तुर्की से भारत को कच्चा पेट्रोलियम,मशीनरी, मार्बल, गोल्ड, फल, प्लास्टिक और वस्त्र आयात होते हैं। वहीं भारत से अज़रबैजान को तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, दवाएं, सिरेमिक उत्पाद, अनाज आदि निर्यात होते हैं जबकि अज़रबैजान से भारत को प्रमुख रूप से खनिज तेल, केमिकल्स, कच्ची खालें, एल्यूमिनियम और कॉटन आदि आयात होते हैं।
प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारिक बहिष्कार के परिणामस्वरूप तुर्की को निर्यात में अरबों डॉलर के नुकसान के साथ-साथ घरेलू उद्योगों, जैसे स्टोन और माइनिंग, फर्नीचर, वस्त्र, और खाद्य सामग्री पर बड़ा असर होगा।
टर्की पर काँग्रेस के रवैये पर बात करते हुए प्रवीण खंडेलवाल नेअपनी बात -चीत में कहा कि भारत के दुश्मन देशों के साथ काँग्रेस का साँठ -गाँठ है । एक तरफ़ वो टर्की को बचा रहे हैं और दूसरी तरफ़ जय हिन्द यात्रा निकालते हैं। काँग्रेस को समझाना चाहिए कि राजभक्तों कभी भी सेलेक्टिव नहीं हो सकती है। आज पूरा देश टर्की और अजरबैजान के विरोध में खड़ा है और काँग्रेस इन से दोस्ताना रिश्ते निभा रही है । कोविड के समय टर्की को भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन दोस्ती के अंतर्गत वैक्सीन भेज कर वाहन की जनता की जान बचाई थी लेकिन टर्की और अज़रबैजान आज पाकिस्तान के साथ बेईमान के रिश्ते निभा रहा है ।
उन्होंने कहा कि आर्थिक दृष्टि से अगर देखें तो दोनों देशों का भारत के साथ व्यापार करना उनके लिए लाभकारी है, भारत के लिए उतना नहीं । यदि भारतीय व्यापारी और उद्योगपति वर्ग सामूहिक रूप से इन देशों का व्यापारिक बहिष्कार करते हैं, तो यह उन्हें आर्थिक रूप से झकझोर देगा और उन्हें भारत के खिलाफ खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ेगी।
