तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मप्र में केस दर्ज, टीएमसी ने बयान से पल्ला झाड़ा

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मप्र में केस दर्ज, टीएमसी ने बयान से पल्ला झाड़ा
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महुआ ने ट्विटर पर अपनी ही पार्टी को अनफॉलो कर दिया है। इसे लेकर नए राजनीतिक कयास भी लगाए जाने लगे हैं। इ

कोलकाता/भोपाल। माँ काली पर विवादित बयान देने वाली तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर कोलकाता से लेकर भोपाल तक हंगामा जमच गया है। उनकी अपनी ही पार्टी टीएमसी ने उनके बयान को खारिज कर दिया है।पार्टी का कहना है की सांसद मोइत्रा के बयान उनकी अपनी सोच है, इससे तृणमूल का कोई लेना-देना नहीं है। वहीँ मप्र की राजधानी भोपाल में उनके खिलाफ धार्मिक भावना आहत करने के मामले में केस दर्ज हो गया है।

इसके बाद महुआ ने ट्विटर पर अपनी ही पार्टी को अनफॉलो कर दिया है। इसे लेकर नए राजनीतिक कयास भी लगाए जाने लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने एक ट्वीट भी किया की वे देवी काली की उपासक हैं। वे डरने वाली नहीं हैं। उधर, बंगाल में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि अगर महुआ का बयान गलत है, तो नूपुर शर्मा की तरह उनके खिलाफ भी ममता बनर्जी लुकआउट नोटिस क्यों नहीं जारी करवा रही हैं?

मप्र में केस दर्ज -

वहीँ मप्र की राजधानी भोपाल में महुआ के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की उनके बयान से हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महुआ मोइत्रा के खिलाफ भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में आईपीसी 295 A के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ये है विवाद -

तृणमूल सांसद ने मंगलवार को कहा कि उन्हें एक व्यक्ति के रूप में देवी काली को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी के रूप में कल्पना करने का पूरा अधिकार है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को अपने तरीके से देवी-देवताओं की पूजा करने का अधिकार है। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ़ तृणमूल ने बकायदा बयान जारी कर उनकी इस टिप्पणी से खुद को अलग करते हुए महुआ के बयान की निंदा की थी

हालांकि महुआ मोइत्रा अपने बयान पर कायम हैं। अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए महुआ ने कहा है कि लोगों को अपने देवी-देवताओं की कल्पना करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, "मेरे लिए, देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। यदि आप तारापीठ (पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक प्रमुख शक्ति पीठ) जाते हैं, तो आप साधुओं को धूम्रपान करते देखेंगे। मैं, हिंदू हूं और मेरे धर्म के भीतर, एक काली उपासक होने के नाते, मुझे इस तरह से काली की कल्पना करने का अधिकार है, यही मेरी स्वतंत्रता है।" मोइत्रा ने यह बात उस फिल्म के बारे में पूछे जाने पर कही, जिसमें देवी काली को धूम्रपान करते हुए पोस्टर लगाने के बाद विवाद खड़ा कर दिया था।

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