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IIT मद्रास अटल रैंकिंग में शीर्ष पर, देखें किस- कॉलेज को मिली कौन सी रैंक

शिक्षा मंत्रालय ने जारी की AIIRA Ranking

IIT मद्रास अटल रैंकिंग में शीर्ष पर, देखें किस- कॉलेज को मिली कौन सी रैंक
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नईदिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए), 2021 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी दिल्ली का स्थान है।

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने बुधवार को एआरआईआईए- 2021 की घोषणा की। आईआईटी, मद्रास को लगातार तीसरे वर्ष के लिए देश में सबसे नवीन शैक्षिक संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है। संस्थान को तकनीकी श्रेणी में राष्ट्रीय महत्व के सभी संस्थानों में प्रथम स्थान मिला है।

टॉप 10 संस्थान

  • आइआइटी मद्रास
  • आइआइटी बॉम्बे
  • आइआइटी दिल्ली
  • आइआइटी कानपुर
  • आइआइटी रुड़की
  • आइआइएससी बैंगलोर
  • आइआइटी हैदराबाद
  • आइआइटी खड़गपुर
  • एनआइटी कालीकट
  • एमएनआइटी प्रयागराज

राज्य और डीम्ड विश्वविद्यालयों की श्रेणी में, पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़) रैंकिंग में सबसे ऊपर है। उसके बाद दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (दिल्ली) हैं। सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों की श्रेणी में, इंजीनियरिंग कॉलेज,पुणे पहले स्थान पर रहा है। उसके बाद पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी,तमिलनाडु और एलडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग,गुजरात का स्थान है।निजी विश्वविद्यालय श्रेणी में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी खोरधा (ओडिशा) ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वहीं महाराष्ट्र के जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को सबसे नवीन निजी कॉलेज के रूप में मान्यता दी गई है।

पहली बार, केंद्र ने उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एआरआईआईए रैंकिंग में "गैर-तकनीकी संस्थानों" श्रेणी की शुरुआत की है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (दिल्ली) केंद्र द्वारा वित्त पोषित संस्थानों की श्रेणी में सबसे ऊपर है और उसके बाद भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) कोझीकोड का स्थान है। इस साल एआरआईआईए-2021 में पहले के दो संस्करणों के मुकाबले अप्रत्याशित भागीदारी देखी गई है। इस वर्ष पंजीकृत कुल 3551 उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) में से 1438 संस्थानों (सभी आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी आदि सहित) ने भाग लिया जो दूसरे संस्करण की तुलना में दोगुने से अधिक और पहले संस्करण की तुलना में लगभग 4 गुना अधिक है। उल्लेखनीय है कि एआरआईआईए का पहला संस्करण 2018 में लॉन्च किया गया था।

इस बार सभी शिक्षण संस्थानों को तकनीकी और गैर-तकनीकी दो प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है। तकनीकी श्रेणी में 5 उप-श्रेणियां हैं। गैर-तकनीकी श्रेणी को इसमें पहली बार शामिल किया गया है। इसे दो उप-श्रेणियों में बांटा गया है। गैर-तकनीकी श्रेणी में दो उप-श्रेणियां हैं।इस अवसर पर डॉ. सरकार ने कहा कि वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल करने के लिये संस्थान को नवाचारों और अनुसंधान की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए। यह हमें सही मायने में आत्मानिर्भर भारत हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों के भीतर नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत है और एआरआईआईए उस दिशा में एक प्रमुख पहल है।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) में लगातार सुधार कर रहा है और अब 2021 में यह 46वें पायदान पर पहुंच गया है, जबकि वर्ष 2015 में यह 81वें स्थान पर था। हम विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट अप हब के रूप में भी उभरे हैं लेकिन अभी भी इसमें सुधार की काफी संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि एआईसीटीई का यह दृढ़ विश्वास है कि यदि हम जीवंत नवाचार और उद्यमशीलता इकोसिस्टम का सृजन कर सकें तो हमारे तकनीकी संस्थान अगली पीढ़ी के प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप के स्रोत बन जाएंगे। एआरआईआईए रैंकिंग उस दिशा में एक बड़ा प्रयास है।


Updated : 1 Jan 2022 9:03 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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