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Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, 32 ठिकानों पर छापेमारी

Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर में 5 जून को आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्यवाही की। NIA ने कुल 32 जगहों पर छापेमारी की, जो लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों और उनके सहयोगी ग्रुप्स से जुड़ी थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद NIA अलर्ट पर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही NIA पूरे जम्मू-कश्मीर में अलर्ट पर है। इसी के तहत आतंकियों के खिलाफ यह ताबड़तोड़ एक्शन लिया गया। NIA की इस छापेमारी में जिन संगठनों के खिलाफ कार्यवाही हुई, उनमें TRF (द रेसिस्टेंस फ्रंट), ULFJK (यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू-कश्मीर), MGH (मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद), JKFF (जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स), कश्मीर टाइगर्स और PAAF भी शामिल है।
NIA की इस कार्यवाही में कई अहम सबूत बरामद हुए है। इनमें दो जिंदा कारतूस, एक चली हुई गोली, एक संगीन (बायोनेट), डिजिटल डिवाइस और कई आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल है। ये दस्तावेज आतंकी साजिशों की जानकारी देने में मदद कर सकते है। फिलहाल सभी सबूतों की गहराई से जांच की जा रही है।
छापेमारी जिन 32 ठिकानों पर हुई, वे हाइब्रिड आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के थे। ये लोग आतंकियों को छिपाने के अलावा स्टिकी बम, हथियार और नशीले पदार्थो की तस्करी का भी हिस्सा थे। NIA का मानना है कि ये सभी पाकिस्तान के लिए काम कर रहे थे और घाटी में हिंसा फैलाना चाहते थे।
पाकिस्तान की भूमिका
जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकी संगठन सोशल मीडिया और ऑनलाइन ऐप्स का इस्तेमाल कर स्थानीय युवाओं को बहका रहे थे। साथ ही ड्रोन के जरिए हथियार, विस्फोटक और नशा कश्मीर घाटी में भेज रहे थे।
NIA की जांच में साफ हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना इन संगठनों को पैसे भी दे रहे थे, ताकि कश्मीर की शांति भंग हो और युवा कट्टरपंथ की ओर बढ़े।
कहां-कहां हुई कार्यवाही ?
यह कार्यवाही शोपियां, पुलवामा, सोपोर, कुपवाड़ा, बारामूला और कठुआ जैसे इलाकों में की गई। NIA ने साफ किया है कि आतंक के खिलाफ यह जंग अभी जारी रहेगी और किसी भी साजिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। यह ऑपरेशन आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने की एक बड़ी कोशिश है और NIA को इससे अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।