अदालत का बड़ा फैसला: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान भेजी गई महिला को वापस लाने का निर्देश, कहा - मानवीय आधार पर हस्तक्षेप जरुरी

Court Decision
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जम्मू कश्मीर। हाई कोर्ट द्वारा उस महिला को वापस लाने के निर्देश दिए गए हैं जिसे पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान भेज दिया गया था। आदेश देते हुए न्यायालय ने कहा कि, कभी-कभी मानवीय आधार पर संवैधानिक न्यायालय को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता होती है।

केंद्र सरकार द्वारा एक महिला को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान भेज दिया गया था। महिला पिछले 38 वर्षों से अपने पति और दो बच्चों के साथ जम्मू में रह रही थी और वर्तमान में लाहौर के एक होटल में फंसी हुई है।

अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित करने का फैसला किया था और उन्हें भारत छोड़ने का निर्देश दिया था। 27 अप्रैल को समय सीमा समाप्त होने के बाद, अधिकारियों ने कई पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित कर दिया।

रक्षंदा राशिद भारत द्वारा निर्वासित किए गए लोगों में से एक थीं। वे वर्तमान में लाहौर के एक होटल में फंसी हुई हैं। उन्होंने अपने निर्वासन के खिलाफ अप्रैल में उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्हें 30 अप्रैल को निर्वासित किया गया, उसी दिन उनके मामले की पहली सुनवाई थी।

6 जून को पारित आदेश में, न्यायमूर्ति राहुल भारती ने उनके पति की दलील पर गौर किया कि, पाकिस्तान में उनका कोई नहीं है और वे बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसके कारण हर गुजरते दिन के साथ उनकी जान को खतरा बना रहता है।

न्यायालय ने कहा कि, "मानव अधिकार मानव जीवन का सबसे पवित्र घटक है इसे देखते हुए यह न्यायालय भारत सरकार के गृह मंत्रालय को याचिकाकर्ता को उसके निर्वासन से वापस लाने का निर्देश दे रहा है।"

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