जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में धमाका 9 मौतें, 29 घायल

शवों के टुकड़े 200 मीटर दूर तक जाकर गिरे, 10 से ज्यादा गाड़ी जली
श्रीनगर के बाहरी इलाके स्थित नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमें 9 लोगों की मौत और 27 लोग घायल हो गए। मरने वालों में 8 पुलिसकर्मी और एक नागरिक शामिल हैं। यह विस्फोट तब हुआ जब पुलिस और फोरेंसिक टीमें हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किए गए विस्फोटक के नमूने ले रही थीं। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि शवों के टुकड़े 200 मीटर दूर तक जाकर गिरे और पुलिस स्टेशन की इमारत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
9 मौतें, 29 घायल
विस्फोट के बाद मौके से छह शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है। घायलों में 24 पुलिसकर्मी और कई नागरिक शामिल हैं, जिन्हें श्रीनगर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर अक्षय लाबरू ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। क्षेत्र को तुरंत सुरक्षा घेरे में लेते हुए बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों की तैनाती की गई है। लगातार हो रहे छोटे-छोटे ब्लास्ट की वजह से बचाव अभियान में कठिनाई आई।
इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल की पहली FIR इसी थाने में
नौगाम पुलिस स्टेशन को सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यहीं इंटर-स्टेट टेरर मॉड्यूल की पहली FIR दर्ज की गई थी। पूरा मामला अक्टूबर में तब खुला जब नौगाम के बनपोरा इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी देते हुए पोस्टर लगाए गए थे। CCTV फुटेज की जांच से तीन संदिग्ध-आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार—की पहचान हुई, जिन्हें बाद में गिरफ्तार किया गया।
पैरामेडिक से इमाम बने इरफान अहमद का नाम आया सामने
पूछताछ में सामने आया कि शोपियां निवासी पूर्व पैरामेडिक और वर्तमान में इमाम मौलवी इरफान अहमद इस मॉड्यूल का अहम हिस्सा है। उसने न सिर्फ पोस्टर उपलब्ध कराए बल्कि माना जाता है कि उसने डॉक्टर समुदाय तक पहुंच का इस्तेमाल कर युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पकड़े गए दो डॉक्टर
जांच श्रीनगर से सीधी हरियाणा के फरीदाबाद पहुँची, जहां अल-फलाह यूनिवर्सिटी से दो डॉक्टर—डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई और डॉ. शाहीन सईद—को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित बड़े पैमाने पर विस्फोटक रसायन बरामद किए गए थे। इन्हीं रसायनों का नमूनाकरण नौगाम पुलिस स्टेशन में किया जा रहा था, जिसके दौरान यह भीषण हादसा हुआ।
डॉक्टरों की तिकड़ी चला रही थी पूरा मॉड्यूल
जांच एजेंसियों को संदेह है कि पूरा आतंकी मॉड्यूल डॉक्टरों की एक ‘कोर तिकड़ी’—मुज़म्मिल गनई, उमर नबी और मुज़फ्फर राठेर—द्वारा चलाया जा रहा था। इनमें से उमर नबी 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में शामिल पाया गया था, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी। मॉड्यूल से जुड़े एक अन्य आरोपी डॉ. अदील राठेर के पास से AK-56 राइफल भी बरामद हुई है। उसकी भूमिका की जांच जारी है।
तकनीकी चूक नहीं बल्कि बड़े इंटर-स्टेट टेरर नेटवर्क के फैलाव की ओर इशारा
नौगाम पुलिस स्टेशन में हुआ यह हादसा एक साधारण तकनीकी चूक नहीं बल्कि एक बड़े इंटर-स्टेट टेरर नेटवर्क के खतरनाक फैलाव की ओर इशारा करता है। सुरक्षा एजेंसियाँ अब इस ब्लास्ट को लाल किले कार विस्फोट और मॉड्यूल के अन्य लिंक से जोड़कर गहराई से जांच कर रही हैं। वहीं घायल कर्मचारियों की हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है और पुलिस स्टेशन परिसर को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
