किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही: चशोटी गांव में बाढ़! दो सौ से ज्यादा लोग फंसे, रेस्क्यू जारी

चशोटी गांव में बाढ़! दो सौ से ज्यादा लोग फंसे, रेस्क्यू जारी
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Cloudburst in Kishtwar : जम्मू कश्मीर। किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब-डिवीजन में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे चशोटी गांव के पास बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस आपदा ने मचैल माता तीर्थयात्रा के रास्ते को प्रभावित किया, जिससे 200 से 300 श्रद्धालुओं के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

बाढ़ जैसे हालात के कारण सड़कें ध्वस्त हो गईं और एक सामुदायिक रसोई (लंगर शेड) मलबे में बह गया। राहत और बचाव कार्य शुरू हो चुके हैं, जिसमें स्थानीय लोग, जम्मू-कश्मीर पुलिस, और प्रशासन सक्रिय हैं।

मचैल माता यात्रा पर असर

हर साल 25 जुलाई से 5 सितंबर तक आयोजित होने वाली मचैल माता तीर्थयात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। यह 210 किलोमीटर लंबा रास्ता जम्मू से किश्तवाड़ तक जाता है, जिसमें पड्डर से चशोटी तक 19.5 किलोमीटर सड़क मार्ग और फिर मचैल मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शामिल है।

चशोटी गांव, जो यात्रा का शुरुआती बिंदु है, में बादल फटने से कई श्रद्धालु आपदा की चपेट में आ गए। लंगर शेड के मलबे में बहने से कुछ लोगों के हताहत होने की आशंका है, हालांकि अभी तक मृत्यु या घायलों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा के नेतृत्व में राहत टीमें और चिकित्सा दल घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। पद्दर-नागसेनी के विधायक सुनील कुमार शर्मा ने कहा, “हमें अभी नुकसान का सटीक आंकड़ा नहीं मिला है, लेकिन क्षेत्र में भारी तबाही की आशंका है। मैं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात कर NDRF की तैनाती की मांग करूंगा।” केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने X पर जानकारी दी कि प्रशासन और बचाव दल पूरी तरह सक्रिय हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

स्थानीय लोग भी बचाव कार्यों में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ी इलाका और मलबा राहत कार्यों में बाधा डाल रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और SDRF की टीमें मचैल मार्ग पर फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रही हैं।

मौसम विभाग का अलर्ट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पड़ोसी उत्तराखंड के लिए अगले 3 घंटों में अल्मोडा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथोरागढ़, रुद्रप्रयाग, टेहरी गढ़वाल, उधम सिंह नगर, और उत्तरकाशी में भारी बारिश और बिजली की चेतावनी जारी की है। जम्मू-कश्मीर में भी मौसम विभाग ने किश्तवाड़, डोडा, और रियासी में भारी बारिश का अलर्ट दिया है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। स्थानीय लोग और श्रद्धालु इस आपदा से सदमे में हैं, और कई ने प्रशासन से बेहतर आपदा प्रबंधन की मांग की है।

किश्तवाड़ में पहले भी आपदाएं

यह पहली बार नहीं है जब किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना हुई है। 28 जुलाई 2021 को होंजर डच्चन (अनंतनाल्लाह) गांव में बादल फटने से 6 लोगों की मौत हुई थी और 40 लोग लापता हो गए थे। उस समय भी SDRF, सेना, और पुलिस ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया था।

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