सीरिया में अमेरिका का ऑपरेशन हॉकआई, 70 से ज्यादा ISIS ठिकाने खाक

सीरिया में अमेरिकी सेना ने आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. शुक्रवार को ऑपरेशन हॉकआई के तहत अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने आतंकियों के 70 से ज्यादा ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया । यह हमला उन अमेरिकी सैनिकों की मौत का बदला है, जो हाल ही में सीरिया में एक आतंकी हमले का शिकार हुए थे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मिशन की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि अमेरिका अपने दुश्मनों को छोड़ने वाला नहीं है.
इसका नाम ऑपरेशन हॉकआई क्यों ?
इस मिलिट्री ऑपरेशन का नाम काफी भावुक वजह से ऑपरेशन हॉकआई रखा गया है, पिछले दिनों सीरिया में हुए हमले में मारे गए दो अमेरिकी सैनिक आयोवा राज्य के रहने वाले थे . अमेरिका में आयोवा को प्यार से हॉकआई स्टेट कहा जाता है इसलिए अपने सैनिकों को सम्मान देने के लिए सेना ने इस मिशन को यह नाम दिया।
ठिकानों को ढूंढकर किया तबाह
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इन हवाई हमलों में आतंकियों के छिपने के अड्डों हथियारों के जखीरों और ट्रेनिंग सेंटर्स को पूरी तरह बर्बाद कर दिया गया है । रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि यह किसी नए युद्ध का ऐलान नहीं है. बल्कि उन हमलावरों को करारा जवाब है जिन्होंने अमेरिकी खून बहाया था . उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ट्रम्प की लीडरशिप में अमेरिका अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
खुफिया जानकारी से मिली सफलता
हमले से पहले अमेरिकी सेना ने कई छोटे जमीनी ऑपरेशन चलाए और 23 आतंकियों को मार गिराया। पकड़े गए आतंकियों के पास से मिले इलेक्ट्रॉनिक सामान और दस्तावेजों से अहम सुराग मिले, जिसके आधार पर शुक्रवार को यह बड़ी एयरस्ट्राइक की गई। राष्ट्रपति ट्रम्प ने चेतावनी देते हुए कहा जो भी अमेरिका को धमकाएगा या हमारे लोगों पर वार करेगा, उसे पहले से कहीं ज्यादा घातक परिणाम भुगतने होंगे , सीरियाई सरकार ने भी आतंकियों के सफाए के लिए अमेरिकी सेना की इस कार्रवाई का समर्थन किया है।
