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तालिबान ने सरकार के गठन के लिए पाकिस्तान, चीन को भेजा आमंत्रण, भारत से बनाई दूरी

तालिबान ने सरकार के गठन के लिए पाकिस्तान, चीन को भेजा आमंत्रण, भारत से बनाई दूरी
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काबुल। तालिबान के पंजशीर प्रांत पर कब्जा करने के दावे के साथ ही नई सरकार के गठन की कवायद शुरू कर दी गई है। सरकार गठन को लेकर तालिबान ने चीन, पाकिस्तान, रूस, ईरान, कतर और तुर्की को न्योता भेजा है, लेकिन इस सूची में भारत और अमेरिका शामिल नहीं हैं। जिन देशों को न्योता भेजा गया है उनमें अधिकतर भारत और अमेरिका के विरोधी देश ही हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने भारत और अमेरिका को न्योता नहीं भेजा है। जिन लोगों को न्योता भेजा गया है उनमें अधिकतर भारत और अमेरिका के विरोधी ही हैं।तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को तालिबान सरकार का मुखिया बनाया जा सकता है, जबकि मुल्ला हिब्तुल्ला अखुंदजादा को सुप्रीम लीडर बनाया जा सकता है। तालिबान के दिवंगत संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई को भी सरकार में वरिष्ठ पद मिलने के प्रबल आसार हैं।

तालिबान के दावे को रेजिस्टेंस फ्रंट ने बताया गलत -

तालिबान प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के विरोध का आखिरी किला भी फतह कर लिया गया है। आखिरकार देश जंग के भंवर से बाहर आ गया है। देश को सुरक्षित करने की हमारी कोशिशें रंग लाई हैं। जबकि, नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट आफ अफगानिस्तान (एनआरएफए) ने तालिबान के पंजशीर पर कब्जा करने के दावे को गलत बताया है। एनआरएफए की तरफ से कहा गया है कि तालिबान के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए घाटी में सभी रणनीतिक मोर्चों पर हम मौजूद हैं। इसी बीच पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने तालिबान और एनआरएफए से आग्रह किया है कि वह बातचीत के जरिए इस समस्या का हल निकालें।

पाकिस्तान ने पंजशीर में किए हमले -

पंजशीर में रेजिस्टेंस फ्रंट के ठिकानों पर रविवार को हवाई हमले किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह हमले पाकिस्तानी पायलट्स ने किए थे। पंजशीर में रजिस्टेंस फ्रंट के प्रमुख नेता और देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह जिस घर में ठहरे थे, रविवार को उस पर हेलिकॉप्टर से हमला हुआ। इसके बाद सालेह ताजिकिस्तान चले गए। इसके बाद अमरुल्लाह सालेह ने संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा है कि पंजशीर में तालिबान ने जरूरी सामानों की सप्लाई रोक दी है, जिससे अमानवीय संकट पैदा हो गया है। यदि संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया तो पंजशीर में मानवीय तबाही पैदा होगी। इधर तालिबान के मुल्ला बरादर ने रविवार को ही काबुल में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार से जुड़े मामलों के सचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स से मुलाकात की थी।

Updated : 12 Oct 2021 10:33 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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