नेपाल की विशेष अदालत ने आईएसआई एजेंट को दिया दोषी करार, भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करता था
भारत के कानपुर में हुए ट्रेन ब्लास्ट सहित कई आतंकी घटनाओं में फंडिंग करने के आरोप में दोषी करार दिए गए होदा को जल्द ही सजा सुनाई जाएगी।
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काठमांडू । नेपाल की जेल में बन्द एक आईएसआई एजेंट शमसुल होदा व उसके एक साथी को काठमांडू की विशेष अदालत ने आतंकी गतिविधियों को फंडिंग के मामले में दोषी करार दिया है। नेपाल मूल का यह आईएसआई एजेंट भारत में की जाने वाली आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करता था। भारत के कानपुर में हुए ट्रेन ब्लास्ट सहित कई आतंकी घटनाओं में फंडिंग करने के आरोप में दोषी करार दिए गए होदा को जल्द ही सजा सुनाई जाएगी।
2016 में कानपुर के पास पटना इंदौर एक्सप्रेस में हुए विस्फोट सहित उस दौरान हुए कई अन्य आतंकी गतिविधियों में दुबई से नेपाल के रास्ते फंडिंग करने वाले आईएसआई एजेंट शमसुल होदा और उसके एक सहयोगी गिरी बाबा उर्फ ब्रजकिशोर गिरी को काठमांडू की पांच जजों के फुल बेंच ने दोषी करार दिया है। इन दोनों को दी जाने वाली सजा पर अलग से सुनवाई की जाएगी। विशेष अदालत के प्रमुख न्यायाधीश टेकबहादुर कुंवर ने इन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान बाद में किए जाने की जानकारी दी। सरकारी वकील ने इन दोनों को नेपाल के प्रचलित कानून के मुताबिक अधिकतम सजा यानि 20 सालों की सजा देने की मांग की है।
होदा पर अपने ही दो साथियों की हत्या करने के आरोप में अलग से मुकदमा चल रहा है। दुबई से भेजे गए पैसे लेने के बाद भी दो भारतीय नागरिक दीपक राम और अरूण राम ने रेलवे ट्रैक उडाने से इंकार कर दिया था। इसलिए होदा ने बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के आदापुर पोखरिया निवासी इन दोनों को नेपाल के अपने गांव के पास बुलाकर उनकी हत्या करा दी थी। दरअसल इसी हत्याकांड के बाद पुलिस को इस पूरे मामले में शमसुल होदा के टेरर फंडिंग का पता लग पाया था।
विशेष अदालत में होदा के खिलाफ दायर चार्जशीट में कहा गया है कि नेपाल के बारा जिला निवासी शमसुल होदा दुबई में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद शफीक के संपर्क में आया। होदा से पूछताछ और उसके पास से मिले साक्ष्य के आधार पर शफीक को आरोप पत्र में आईएसआई का अधिकारी बताया गया है, जो होदा का हैंडलर था। चार्जशीट के मुताबिक मोहम्मद शफीक के द्वारा पाकिस्तान से भेजे गए पैसे को होदा नेपाल में हिमाल रेमिटटैंस के जरिए अपने जिला के कुछ लोगों को भेजता था। उसके बैंक अकाउंट और उससे जुडे लोगों के अकाउंट खंगालने के बाद संपत्ति शुद्धिकरण विभाग ने आरोप पत्र में वह सभी प्रमाण दिए जिससे यह साबित होता है कि होदा के द्वारा दुबई से भेजे गए पैसे भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए भेजा जाता था।
पिछले 6 साल से उसके खिलाफ विशेष अदालत में मुकदमा चलाया जा रहा था। शमसुल होदा और गिरी बाबा के अलावा इनके साथ काम करने के आरोप में करीब आधे दर्जन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिलने के कारण बाद में रिहा कर दिया गया।
दरअसल नेपाल के बारा जिला निवासी शमसूल होदा कई सालों से दुबई में ही रहता था और वहीं से आईएसआई के इशारे पर भारत में आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग किया करता था। नेपाल के संपत्ति शुद्धिकरण विभाग ने शमसूल होदा पर आय से अधिक संपत्ति रखने और विदेशों से अवैध तरीके से पैसा लाकर नेपाल के रास्ते आतंकी घटनाओं के लिए फंडिंग किए जाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया था। विशेष अदालत ने इसी मामले में होदा को दोषी करार दिया है। बताया जा रहा है कि शमसुल होदा को दुबई से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की मदद से गिरफ्तार कर नेपाल लाया गया था।
कानपुर में पटना इंदौर एक्सप्रेस में ब्लास्ट के अलावा बिहार के घोडासहन में रेलवे ट्रैक उडाने की साजिश में शामिल था। 2014 में पटना के गांधी मैदान में भाजपा की रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट में भी इसने फंड देने की भूमिका बताई गई थी।
Bhopal Desk
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