रूस की न्यूक्लियर पावर्ड मिसाइल से दुनिया का कोई भी देश नहीं बच पाएगा-पुतिन

15 घंटे तक उड़ती रही बुरेवस्तनिक मिसाइल, दुनिया में पहली बार हुआ ऐसा परीक्षण
रूस ने अपने न्यूक्लियर-पावर्ड क्रूज़ मिसाइल बुरेवस्तनिक (Burevestnik, 9M730/9M739) का सफल परीक्षण किया है और दावे किए हैं कि यह मिसाइल लगभग असीमित दूरी तय कर सकती है। रूसी अधिकारियों ने बताया कि इस परीक्षण को 21 अक्टूबर को अंजाम दिया गया, जिसमें मिसाइल लगभग 15 घंटे तक उड़ान में रही और करीब 14,000 किलोमीटर की दूरी पार की।
रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार परीक्षा-उड़ान के दौरान यह मिसाइल लगातार कम ऊँचाई (लगभग 50–100 मीटर) पर रही और मार्ग बदलती रही, जिससे पारंपरिक एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इस प्रकार की क्षमताएँ दुनिया में किसी भी अन्य देश के पास फिलहाल मौजूद नहीं हैं और उन्होंने सेना को इसे सर्विस में लाने की तैयारी करने के निर्देश दिए।
कैसे काम करती है यह मिसाइल
बुरेवस्तनिक को लॉन्च करने के लिए रोकेट-बूस्टर का इस्तेमाल होता है। लॉन्च के बाद मिसाइल का ऑनबोर्ड न्यूक्लियर-पावर यूनिट सक्रिय हो जाता है और वह रिएक्टर के माध्यम से लंबी दूरी तक उड़ान भरती है। यही वजह है कि इसे ‘न्यूक्लियर-पावर्ड’ कहा जाता है और इसकी रेंज को रूस ने सीमाहीन बताया है। रिपोर्टों में मिसाइल की अनुमानित क्रूज़-स्पीड लगभग 1,300 किमी/घंटा बताई गई है।
वैश्विक और तकनीकी चिंताएँ
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ इस प्रकार के हथियारों को लेकर चिंतित हैं। कुछ विश्लेषकों ने कहा है कि न्यूक्लियर-पावर्ड मोबाइल यूनिटों के परीक्षण और संचालन में रेडिएशन और सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चुनौतियाँ हैं। एक विशेषज्ञ ने इसे “छोटा उड़ता हुआ चेर्नोबिल” कहा, यह इशारा है कि किसी हादसे की स्थिति में आस-पास के इलाकों में विकिरण फैलने का जोखिम भी रह सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी और अन्य देशों के सुरक्षा विश्लेषक इस खबर को नज़दीकी से देख रहे हैं। कुछ रिपोर्टों ने कहा है कि यदि यह मिसाइल सर्विस में आ जाती है तो रूस के पास इंटरकॉन्टिनेंटल-पर्याप्त मारक क्षमता पैदा हो सकती है। वहीं राजनीतिक स्तरीय प्रतिक्रियाएँ भी आईं — कुछ नेताओं ने परीक्षणों की निंदा की और शांति-पूरक कदम उठाने की अपील की है।
रूस का दावा और सावधानी
रूसी सैन्य नेतृत्व का कहना है कि बुरेवस्तनिक की क्षमता पारंपरिक मिसाइलों से अलग है क्योंकि यह सतह के बेहद नज़दीक उड़ान भरकर और रूट बदलकर विरोधी रक्षा तंत्र को चकमा दे सकती है। हालांकि कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और विश्लेषणात्मक संस्थान इस दावे की व्यावहारिकता और दीर्घकालिक सुरक्षा-समस्याओं पर संदेह जता चुके हैं।
